साल 2012 में हुए निर्भया काण्ड को कौन भूल पाया है.पूरे भारत में इसके तहत विरोध प्रदर्शन हुए थे खासकर दिल्ली इस निर्भया काण्ड से हिल गयी थी.मंत्रालय से लेकर आम आदमी ने इस पर आपत्ति ज़ाहिर कर क्रोध ज़ाहिर किया था.निर्भया केस की याद में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा एक राहत कोष की शुरुआत की गयी थी.
आकड़ों का खुलासा केवल 16 प्रतिशत धन इस्तेमाल
- देश में व्याप्त तमाम लडकियां जिनके साथ ऐसी बर्बरता की गयी है.
- उनके विकास और प्रबलता के लिए सरकार द्वारा एक राहत कोष चलाया गया था.
- साल 2012 से अब तक इस रकम का सिर्फ 16 फीसदी ही प्रयोग हो पाया है.
मंत्रालय द्वारा 2,200 करोड़ की योजनाओं का एलान
- अगर राहत कोष के आंकड़ों पर गौर करें तो
- 2015-16 तक इस खाते में 2,000 करोड़ रूपए की राशि जमा की गयी.
- मंत्रालय द्वारा 2,200 करोड़ की योजनाओं का जो एलान हुआ था.
- उसमें से 1,530 करोड़ निर्भया राहत कोष के लिए थे.
- साल 2012 से अबतक इस योजना में लडकियों पर केवल 400 करोड़ की खर्च हो पाए हैं.
- साल 2013 में कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी.
- उन्ही के द्वारा इस राहत कोष की शुरुआत की गयी थी
- ये आंकडें बेहद हैरान कर रहे हैं.निर्भया काण्ड के बाद सरकार द्वारा अनगिनत वादे किये गए
- सरकार अपने वादों पर कितनी खरी उतरी ये आंकडें साफ जाही कर रहे हैं.