एनआईटी श्रीनगर में हिंसा मामले में राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 50 गैर-कश्मीरी छात्रों की पहचान की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, एनआईटी प्रशासन की लॉ कीपिंग बॉडी से रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। इस मामले में अंतिम निर्णय और आगे की कार्यवाही तभी संभव होगी जब कॉलेज प्रमुखों और सरकार द्वारा जाँच रिपोर्ट पेश कर दी जाये।
- एनआईटी कैंपस में 5 अप्रैल से तैनात सीआरपीएफ को हटा दिया गया है।
- पुलिस अधिकारियों पर भी सोशल साइट्स पर कैंपस में होने वाली झड़प का वीडियो अपलोड करने का आरोप लगाया गया है।
- हालाँकि, नाजुक माहौल को देखते हुए अभी भी 60 बीएसएफ जवानों की तैनाती परिसर में की गयी है। सीआरपीएफ की तैनाती अब केवल कैंपस के बाहर रहेगी।
- एनआईटी के सुरक्षा अधिकारी भी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे आए हैं।
अधिकारियों ने खबर दी है कि लगभग 50 गैर-कश्मीरी छात्रों को, जो परिसर के भीतर माहौल ख़राब करने और तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार थे ,उनकी पहचान कर ली गयी है। उनमें से कुछ जम्मू के पुंछ-राजौरी क्षेत्र के हैं।
- पुलिस ने पुष्टि की है कि सभी 50 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है और उन्हें जल्द ही कॉलेज से निलंबित किया जा सकता है।
- डीन डॉ नीलम ने बताया कि एनआईटी कैंपस में हिंसक वारदात के बाद से 1441 बाहरी छात्र जा चुके थे जिनमे से 627 अब वापस कैंपस में आ चुके हैं।
- दोषी छात्रों पर क्या कार्यवाही होगी इसके बारे उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया।
कैंपस प्रशासन की तरफ से बोलते हुए एनआईटी के निदेशक प्रो रजत गुप्ता ने सीआरपीएफ पर निशाना साधा और कहा कि प्रशासन से ये उम्मीद नहीं की जाती कि घटना का वीडियो बनाकर उसको सोशल मीडिया पर फैलाएं , जिससे माहौल ख़राब हो।
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