नोट बंदी के बाद से केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय की तरफ से लगातार प्लास्टिक मनी और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है । लेकिन गौर करने वाली बात ये है की सरकार अपने महकमों में ही इसे बढ़ावा देती नज़र नही आती । बता दें की कैशलैस इंडिया के सामने आ रही परेशानी की पोल संसद और बीजेपी मुख्यालय की कैंटीन में ही खुल गई है। जहां ना तो किसी कार्ड से पेमेंट होता है ना ही यहाँ ई-वॉलेट की कोई सुविधा है। यहां सिर्फ नकद पेमेंट ही चलता है।
कैशलैस इंडिया को बढ़ावा देने वाली सरकार अपने ही घर में नकद पेमेंट से काम चला रही
- 500-1000 रुपये की नोट बंद करने के बाद सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट और प्लास्टिक मनी पर जोर दे रही है ।
- इसीलिए सरकार और वित्त मंत्रालय डेबिट कार्ड पेमेंट पर टैक्स भी हटा रही है ।
- लेकिन गौर करने कि बात ये हैं कि कैशलेस इंडिया का को बढ़ावा देनेवाली सरकार अपने ही घर में नकद पेमेंट से काम चला रही है ।
- बता दें की सरकार की पोल तब खुली जब सरकारी मंत्रियों को खाना खिलाने वाली कैंटीनों का जायजा लिया गया ।
- बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय की कैंटीन और संसद की कैंटीन में कार्ड से पेमेंट करने का कोई विकल्प नही है ।
- यहाँ न क्रेडिट कार्ड चलता है न डेबिट कार्ड यहाँ तो सिर्फ नकद पेमेंट से ही काम चल रहा है ।
- एक सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्या इन कैंटीनों में कैश के क्रंच के कारण दिक्कत नही होती।
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