हाल ही में सरकार द्वारा लिये गये नोट बंदी के फैसले से जहाँ एक ओर लोगों की दिक्कते बढी हैं, वही दूसरी ओर इसके कुछ सकारात्मक पहलू भी नज़र आ रहे हैं. यह ऐलान दिल्ली के बदमाशों के लिए किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नजर नहीं रहा है. आलम ये है कि दिल्ली की सड़कों पर होने वाले अपराधों में इस कदर कमी आई है कि पुलिस भी हैरान हो गई है.
अपराधों का गिरा ग्राफ :
- नोट बंद के बाद से ही दिल्ली में अब तक बड़ी लूटपाट और झपटमारी की घटना सामने नहीं आई है.
- ऐसा माना जा रहा है क्राइम के इस ग्राफ का गिरना नोट बंदी का एक असर है.
- नोटबंदी से पहले के हफ्ते की तुलना में बाद वाले हफ्ते में क्राइम आकड़ो में गिरावट हुई है.
- 1 से 7 नवम्बर तक दिल्ली में हत्या की कोशिश के 16 मामले आए थे.
- साथ ही उगाही के 5 मामले दर्ज किए गए हैं, सनेचिंग के 170, घर में चोरी के 273.
- इसके अलावा सेंध मारी के 263 और गाड़ी चोरी के 712 मामले दर्ज किए गए थे.
- जबकि अब 9 से 15 नवम्बर तक दिल्ली में हत्या की कोशिश के 6 मामले आए थे.
- जबकि उगाही का कोई मामले दर्ज नही हुआ है, सनेचिंग के 144, घर में चोरी के 209.
- इसके साथ ही सेंध मारी के 20 और गाड़ी चोरी के 609 मामले दर्ज किए गए हैं.
- यही नहीं अगर इन सभी मामलों की तुलना पिछले साल 2015 से करें तो अपराधो में रिकार्ड तोड़ गिरावट दर्ज की गई है.
- नोटबंदी के ऐलान के बाद इन सभी मामलो में से कुछ तो ऐसे है जो आधे से भी कम देखे गए हैं.
- तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनमें गिरावट दर्ज की गई है.
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