बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने के बाद देश के कई विभागों पर इसका असर पड़ता नज़र आ रहा है और अब इस श्रेणी में भारत का पर्यटन भी आ गया है
पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट :
- केंद्र सरकार द्वारा पुराने नोटों को बैन किए जाने के फैसले के बाद देश के पर्यटन पर काफी असर पड़ा है
- खबर है कि ओडिशा में मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में कमी आई है.
- नोटबंदी के बाद जगन्नाथ और पुरी जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट हुई है.
- बताया जा रहा है कि मंदिर में महाप्रसाद देने वाले रसोइये (सुआर निजोग) पुराने नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं
- जिसके बाद मंदिर की कमाई पर काफी असर पड़ रहा है.
- इसके अलावा, श्री मंदिर के सेवक भी पूराने 500 और 1000 के नोट नहीं ले रहे हैं.
- गौरतलब है कि इस मंदिर में नियमित रूप से 600 से लेकर 700 किलोग्राम महाप्रसाद बनाया जाता है
- जिसका सेवन रोजाना करीब 50,000 श्रद्धालु करते हैं.
- इस महाप्रसाद से करीब 8 से 12 लाख रुपये तक का व्यापार होता रहा है.
- इस महाप्रसाद को मंदिर परिसर के आनंद बाजार में बनाया जाता है और हजारों श्रद्धालु इसे ग्रहण करते हैं.
- मंदिर के एक सेवक के अनुसार केंद्र सरकार के आदेश के बाद 500 और 1000 के नोट मंदिर में स्वीकार नहीं हो रहे हैं.
- हालांकि श्रधालुओं द्वारा दिए गये 500 और 1000 रुपये के नोटों को मना नहीं किया जा सकता
- ऐसा इसलिए क्योंकि मंदिर एक धार्मिक स्थल है और यहाँ श्रधालुओं को मना नही किया जा सकता
मंदिर की आय में हुई बढ़त :
- हालांकि नोट्बंदी के फैसले से मंदिर की आय बढ़ गई है, क्योंकि श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर की ‘हुंडी’ में अधिक दान दे रहे हैं.
- श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कहा कि हम हुंडी में श्रद्धालुओं को बैन किए गए नोटों को डालने से नहीं रोक सकते.
- हमें कार्यालय में भी दान मिल रहा है और उन्हें हम रसीद भी दे रहे हैं.
- हालांकि, कार्यालय में हम पूराने नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
- राज्य के पर्यटन क्षेत्र में भी गिरावट हुई है
- ऐसा इसलिए क्योंकि घरेलू पर्यटकों को पैसे निकालने के लिए बैंकों पर लंबी कतारों लगानी पड़ रही है.