अब भारत में आपको किसी भी आपातकालीन स्थिति में राहत पाने के लिये अलग-अलग नंबर याद रखने की जरुरत नहीं पड़ेगी। भारत सरकार ने जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये सभी आपातकालीन स्थिति में सिर्फ एक ही नंबर के द्वारा राहत पहुँचाने का फैसला लिया है।
- भारत सरकार ने देश में आपातकालीन स्थिति के लिये नंबर “112” शुरु करने का फैसला किया है।
- भारत सरकार ने यह इमरजेंसी नंबर यूएस के 911 और यूके के 999 की तर्ज पर लागू किया है।
- इस सेवा के शुरू होने के बाद आपको अलग-अलग आपातकालीन सेवाओं के नंबर को याद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- “112” की सेवा अगले एक साल में चालू कर दी जाएगी।
- अभी आप के लिये, पुलिस के लिये 100, फायर के लिये 101, एम्बुलेंस के लिये 102 , और आपात सेवा के लिये 108 नंबर सेवा के लिये मौजूद हैं।
- डायल “112″ सेवा के लागू होते ही अन्य सभी इमरजेंसी नंबर बंद कर दिए जायेंगें।
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने अप्रैल 2015 में दूरसंचार विभाग को “112” की सेवा को राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर बनाने पर अपनी सहमति जताई थी।
- दूरसंचार विभाग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के द्वारा दिए गये सुझावों को स्वीकार कर लिया है।
- दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद की मंजूरी के बाद यह सेवा शुरू हो जाएगी।
- यह सेवा सभी को उनकी ही भाषा में मिले, इसके लिए सभी राज्यों को कॉल सेंटर शुरू करने होंगे।