- गुरूवार को स्वेच्छा से घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की सब्सिडी छोड़ने वालों की संख्या 1 करोड़ के पार निकल गई है।
- गिव इट अप कार्यक्रम के तहर सब्सिडी छोड़ने से सरकार को हर साल करीब 2,000 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
- सरकार इस राशि का इस्तेमाल गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने में करेगी।
- पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, अधिकतर मध्य वर्ग के लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है। इसमें सबसे अधिक 40 प्रतिशत ग्राहक इंडियन ऑयल के हैं जबकि भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के तीस-तीस प्रतिशत लोग हैं।
- पेट्रोलियम मंत्रालय के एक सर्वे सर्वे के मुताबिक 10 लाख रुपये से अधिक आमदनी वाले महज तीन प्रतिशत ग्राहकों ने ही गिव इट अप के तहत सब्सिडी छोड़ी थी।
- केंद्र सरकार अगले तीन साल में गरीबी रेखा से नीचे के पांच करोड़ परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन मुहैया करवाएगी।
- इसके लिए एक मई को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की जाएगी। इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से करेंगे।
- पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि पहले साल 1.5 करोड़ गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिलेंगे।
- पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले तीन साल में पांच करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना है।