नोटबंदी के फैसले पर विपक्षी पार्टी से घिरी हुई केंद्र सरकार के फैसले पर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कई सवाल खड़े कर दिए है। चिदंबरम का कहना है कि पूरे देश को कैशलेस नहीं किया जा सकता है। ऐसे में नोटबंदी का फैसला सबसे बड़ा घोटाला है। जिसका असर अमीरों पर बिल्कुल नहीं पड़ा। लेकिन गरीब जनता की इससे कमर टूट गई है।
कैशलेस व्यवस्था संभव नहीं :
- चिदंबरम ने कहा कि इस वक्त एक साथ पूरे देश में कैशलेस व्यवस्था स्थापित करना संभव नहीं है।
- उन्होंने कहा कि सरकार कैशलेस इंडिया का सपना दिखा रही है।
- लेकिन इसे 3 फीसदी से सीधे 100 प्रतिशत पर लाना संभव नहीं है।
- इसके पीछे इंटरनेट कनेक्टिविट सहित बहुत सारे कारण है।
- जिनका 50 दिन के अंदर ठीक होना मुमकिन नहीं है।
50 दिन में नहीं मिलेगी राहत :
- चिदंबरम ने पीएम की उस घोषणा पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने देश से 50 दिन का समय मांगा था।
- चिदंबरम ने बताया कि ऐसे में देश की हालात को ठीक होने में 7 महीने से अधिक लग जाएंगे।
- क्योंकि फिलहाल एक महीने में 300 करोड़ रूपये से ज्यादा नोट नहीं छपते है।
ग्रामीण ही पिस रहे है :
- चिंदबरम ने कहा कि क्या इस फैसले से भ्रष्चार कम हो गया?
- इससे केवल गरीब ही पिस रहा है।
- देश में दो लाख से अधिक एटीएम है, जिसमें केवल 65 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं।
- जो 35 प्रतिशत काम कर रहे है, उसमें ज्यादातर शहरी इलाकों में है।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया :
- नोटबंदी के इस फैसले को उन्होंने खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहावत से तुलना की।
- उनका इशारा अब तक कुछ एक मामलों में पकड़े गए आरोपियों की तरफ था।
- उन्होंने कहा कि इस फैसले के चलते अब तक 91 लोग की मौत हो चुकी है।
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