उरी हमले के बाद से ही पाकितान पर आतंकवाद को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। जिस कारण अब नवाज सरकार ने अपनी सेना को दे दिया है कड़ा फरमान।
सेना कार्यवाही में ना दे दखल :
- हाल ही में लगातार अंतर्राष्ट्रीय दवाब पड़ने के चलते पाकिस्तान सरकार ने अपनी सेना को एक फरमान दिया है।
- जिसके तहत उनको आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है।
- इसके साथ ही फरमान में यह भी कहा गया है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग होने की तैयारियाँ कर लें।
- पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को एक बैठक हुई थी।
- इस बैठक के परिणाम स्वरूप दो मुद्दों पर सहमति बनी है।
- पहला प्रॉविनेंस एपेक्स कमेटियों और आईएसआई सेक्टर कमांडरों के लिए संदेश लेकर जाया जाएगा।
- इस सन्देश को आईएसआई के डीजी जनरल रिजवान अख्तर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ लेकर जायेंगे।
- जिसके तहत आईएसआई को मैसेज दिया जाएगा कि कानूनी एजेंसियां आतंक के खिलाफ कार्यवाही करेंगी।
- जिसमे सरकार सेना की इंटेलीजेंस एजेंसियों द्वारा किसी तरह का कोई दखल नहीं चाहती है।
- आपको बता दें कि जनरल अख्तर इस संदेश को लेकर लाहौर पहुंच चुके हैं और इसके बाद वे दूसरे प्रांतों में जाएंगे।
- दूसरे फैसले के तहत पीएम शरीफ़ ने निर्देश दिया कि पठानकोट मामले की जांच पूरी करने का प्रयास किया जाएगा।
- इसके साथ ही रावलपिंडी एंटी-टेररिज्म कोर्ट में मुंबई हमले से जुड़े सभी ट्रायल को दोबारा शुरू कराया जाएगा।
- पंजाब प्रांत के सीएम शाहबाज शरीफ और आईएसआई के डीजी के बीच काफी बहस के बाद ये फैसले किए गए।
- इन फैसलों से साफ नज़र आ रहा है कि नवाज शरीफ सरकार अब सख्ती बरत रही है।
- हालांकि इन फैसलों को लेकर पाकिस्तान सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है।
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