12वीं में 96% अंक लाने वाली पाकिस्तानी विस्थापित मशल माहेश्वरी की खबर आने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संज्ञान लिया है।
सुषमा स्वराज ने आज तक को मेंशन करके ट्वीट किया , ‘मेरी बच्ची निराश होने की जरूरत नहीं है। मैं मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के तुम्हारे मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखूंगी!’
Mashal – Don't be disappointed my child. I will personally take up your case for admission in a Medical College. @aajtak
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 29, 2016
पाकिस्तान से आई है मशल :
मशल के माता-पिता दोनों पाकिस्तान के हैदराबाद में डॉक्टर थे। लेकिन एक दिन इनके अपहरण की कोशिश की गई। किसी तरह वहां से बच निकले और फिर बच्चों के भविष्य के लिए धार्मिक वीजा लेकर पाकिस्तान से जयपुर आ गए। मशल ने दसवीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में ही की थी। बताया जाता है कि जयपुर के स्कूल में उनके रिश्तेदार की सहायता से दाखिला मिल गया था, लेकिन अब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन न मिलने पर उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
पाकिस्तानी नागरिकता होने के एडमिशन में हो रही दिक्कतों का सामना करने वाली मशल डॉक्टर बनना चाहती है और इस 17 वर्षीय मशल ने भारत में जी-जान लगाकर पढ़ाई की और 12वीं में बायलॉजी में 96 फीसदी अंक हासिल किए। लेकिन जब उसने मेडिकल कॉलेज का फॉर्म भरना चाहा तो उसकी नागरिकाता आ आड़े आ गई। उसके माता-पिता पाकिस्तान में डॉक्टर थे परन्तु भारत की नागरिकता ना होने के कारण उनको भी अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही है।
इससे पहले मशल ने एक न्यूज़ चैनल आजतक के माध्यम से अपनी बात कही थी और केंद्र सरकार द्वारा मदद की अपील की थी। पाक से आई मशल का कहना है कि उसका कसूर क्या है, वह भी तो अपना सपना ही पूरा करना चाहती है।मशल मेडिकल की तैयारी के लिए दो साल से कोचिंग ले रही थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि भारत में सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में सिर्फ भारतीय ही पढ़ सकते हैं जो कि उसके पास नहीं है।
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