पाकिस्तान का संयुक्त जांच दल (जेआईटी) जो पठानकोट हमले की जांच करने भारत आया हुआ है, वह आज गवाहों के बयान दर्ज़ करेगा। इस पांच सदस्यीय दल ने पठानकोट और उसके आसपास विभिन्न स्थलों का दौरा कर चुका है। गवाहों की सूची में पंजाब पुलिस के एक अधिकारी एसपी सलविंदर सिंह, मदन गोपाल, एयरबेस की कुक, उसकी एक दोस्त, राजेश वर्मा और अन्य शामिल हैं।
एनआईए होगा पूछताछ का प्रभारी:
पठानकोट हमले की जांच में आज जिन गवाहों से पूछताछ की जाएगी, उसके लिए तीन सदस्यों की पाकिस्तानी टीम को सीधे तौर पर उन गवाहों से मुलाकात नहीं करायी जाएगी। एनआईए पूछताछ का प्रभारी होगा। पाकिस्तानी जाँच दल 2 अप्रैल को पाकिस्तान वापस चला जायेगा।
- 2 जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ था, जिसमें सात कर्मियों की जान चली गयी थी।
- उग्रवादियों ने शुरुआती घंटों में एयरबेस में प्रवेश किया था।
- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्वास में लेनें के लिए टीम का गठन किया था।
- पाकिस्तान जांच दल का नेतृत्व पंजाब आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के नेतृत्व में है अतिरिक्त महानिरीक्षक (आईजी) मोहम्मद ताहिर राय खुफिया ब्यूरो (आईबी) लाहौर के उप निदेशक मुहम्मद अज़ीम अरशद, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद, लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) और सीटीडी गुजरांवाला के शाहिद तनवीर के इरफान मिर्जा आदि अन्य सदस्य हैं।
29 मार्च को पाकिस्तानी दल यहाँ आया था, जिसने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अध्यक्षता में जांच शुरू की थी। इसके लिए टीम को एयरबेस की महत्वपूर्ण स्थलों से दूर रखा गया। उन्हें बेस में पीछे की तरफ से लाया गया जिसके लिए बेस की दीवार को तोड़ा गया, ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया था। गौरतलब है की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही पाकिस्तानी टीम को जांच की अनुमति देने के कारण भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के बेस पर विरोध किया था।