आज संसद हमले को करीब 15 साल हो चुके हैं, परंतु आज भी इस हमले में शहीद हुए लोगो के परिवार इस भयावह मंज़र को भूल नहीं पाए हैं. वे अपने सपूतों के शहीद होने पर जितने गौरवांवित हैं उतने ही दुखी भी है क्योकि उनका अपना अब उनके पास नहीं है.
13 दिसंबर 2001 में हुआ संसद हमला दो बड़े आतंकी संगठनो द्वारा अंजाम दिया गया था. इस हमले में लश्कार-ऐ-तयबा व जश्न-ऐ-मोहम्मद के 9 आतंकी शामिल थे, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था.
कैसे हुआ हमला :
- आतंकी संगठनो द्वारा किये गए इस हमले में करीब 9 आतंकी शामिल थे.
- बताया जाता है की यह आतंकी एक कार में आये थे जिसपर गृह मंत्रालय व संसद के चिन्ह लगे थे.
- हालाँकि इस हमले से करीब 40 मिनट पहले सभा ख़त्म हो चुकी थी.
- परंतु कुछ दिग्गज इस हमले के दौरान संसद भवन में मौजूद थे.
- बताया जाता है की हमले के समय करीब 100 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे.
- हमले के समय आतंकी पूरी तरह हथियारों से लैस थे.
- आतंकियों के पास AK47 से लेकर ग्रेनेड व् पिस्टल थीं.
- दिल्ली पुलिस बताती है की आतंकी ISI संगठन के इशारों पर काम कर रहे थे.
- हालाँकि इस हमले में करीब 5 आतंकवादी मारे गए थे बाकी भाग खड़े हुए थे.
कौन बने शिकार :
- इस हमले में कई सिपाही शहीद हुए थे जिनमे दिल्ली पुलिस भी शामिल थी.
- बताया जाता है की CRPF की कांस्टेबल कमलेश कुमारी द्वारा सबसे पहले आतंकियों को देखा गया था.
- जिसके बाद शोर मचाने पर उन्हें आतंकियों ने गोलियों से भून डाला था, जिसके बाद उनकी वही मृत्यु हो गयी थी.
- इसके अलावा इस मुतभेड़ में करीब 5 दिल्ली पुलिस के सिपाही इसकाक शिकार बने थे.
- साथ ही 2 संसद सुरक्षाकर्मी भी इस हमले की भेट चढ़ गए थे.
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