देश में सोमवार 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं, जिसके तहत देश की संसद और सभी 31 विधानसभाओं में मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। मतदान की प्रक्रिया सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगी। इसी क्रम में सोमवार से संसद के मानसून सत्र(parliament monsoon session) की शुरुआत हो रही है। संसद का यह सत्र काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, जिसमें केंद्र सरकार कई अहम् प्रस्तावों को पारित कराने की कोशिश करेगी।
सत्र में पेश होंगे 18 प्रस्ताव(parliament monsoon session):
- सोमवार से देश की संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है।
- जिसके तहत केंद्र सरकार सत्र में कई अहम प्रस्तावों को पेश करेगी।
- जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार मानसून सत्र में करीब 18 प्रस्ताव पेश कर सकती है।
- इन सभी 18 प्रस्तावों को लोकसभा और राज्यसभा में पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- गौरतलब है कि, इनमें से 9 प्रस्ताव लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं।
लोकसभा में पारित हो चुके प्रस्ताव(parliament monsoon session):
- देश की संसद का सोमवार से मानसून सत्र शुरू हो रहे हैं।
- जिसमें कुल 18 प्रस्ताव पेश किये जायेंगे, जिनमें से 9 प्रस्ताव पहले ही लोकसभा में पारित हो चुके हैं।
- इस दौरान लोकसभा में पारित होने वाले प्रस्ताव,
- 2015 और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017.
- द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बिल, 2017,
- भ्रष्टाचार रोधी (संशोधन) विधेयक, 2013,
- सिटीजनशिप (संशोधन) विधेयक, 2016 जैसे विधेयक दोनों सदनों से पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं।
- इसके साथ ही प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी विधेयक, 1990,
- पूर्वोत्तर परिषद (संशोधन) विधेयक, 2013 को वापस लेने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक, 2017,
- वित्तीय समाधान और जमा बीमा (एफडीआरआइ) विधेयक, 2017
- उन 16 विधेयकों में शामिल हैं, जिन्हें पेश और विचार-विमर्श करने के साथ-साथ पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
विपक्ष डाल सकता है मानसून सत्र में खलल(parliament monsoon session):
- संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है।
- जिसके तहत सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
- जहाँ सरकार जहाँ मानसून सत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्यवाही चाहती है।
- वहीँ विपक्ष सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है।
- विपक्ष संसद में कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर सकते हैं।
- विपक्षी पार्टियां डोकलाम में चीन के साथ सैन्य विवाद,
- अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों पर हाल ही में हुए आतंकी हमले,
- कश्मीर की स्थिति और,
- बीफ को लेकर हुई हिंसक घटनाओं और किसानों की आत्महत्या समेत कई मुद्दे उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।