देश की संसद में साल 2016-17 का मानसून सत्र समाप्त हो चुका है, इस सत्र में निपटाए गए कामों के आधार पर इस सत्र को सबसे सफल माना जा रहा है।
केंद्र सरकार भी कर चुकी है दावा:
- संसद में इस साल का मानसून सत्र समाप्त हो गया है।
- इस मानसून सत्र को देश के कुछ सबसे सफल सत्रों में से एक माना जा रहा है।
- सत्र शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री का पद सँभालने वाले अनंत कुमार ने बताया कि, इस सत्र में जितना काम हुआ है, उतना कम ही सत्रों में होता है।
लोकसभा के आंकड़े:
- इस बार मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चला।
- आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा में 20 बैठकें हुई, जिस दौरान करीब 121 घंटे काम हुआ है और उत्पादकता 110.84 फ़ीसदी रही।
राज्यसभा के आंकड़े:
- मानसून सत्र में लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी 20 बैठकें हुईं।
- जिस दौरान करीब 112 घंटे काम हुए और उत्पादकता 99.54 फ़ीसदी रही।
कई महत्वपूर्ण विधेयक हुए पारित:
- इस मानसून सत्र में लम्बे समय से अटका 122वें संविधान संशोधन का विधेयक पारित हो गया।
- यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के साथ ही जीएसटी का रास्ता भी खुल गया है।
- एक अरसे बाद इस विधेयक पर सभी पार्टियों की सहमति बनी और बिल को पारित करा लिया गया।
- हालाँकि, जीएसटी के लागू होने से पहले केंद्र सरकार को लम्बी दूरी तय करनी है।
- संविधान संशोधन को अम्ल में लाने के लिए देश की कम से कम 16 राज्यों की विधानसभाओं से अनुमति मिलनी जरुरी है।
- वहीँ जीएसटी बिल पर शीतकालीन सत्र में फैसला होगा।
सत्र में 15 विधेयकों को कराया गया पारित:
- इस मानसून सत्र में संविधान संशोधन समेत करीब 15 विधेयकों को पारित कराया गया है।
- जिनमें काले धन के लिए बेनामी लेनदेन(निषेध) संशोधन बिल, बाल मजदूरी(निषेध) संशोधन बिल और लोकपाल और लोकायुक्त(संशोधन) बिल आदि प्रमुख हैं।
- इसके अलावा NEET अध्यादेश पर भी संसद की मुहर लगी।
- वहीँ मोटर यान बिल और ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल आदि इस सत्र में पारित नहीं हो पाए हैं।
- वहीँ महिलाओं के लिए मैटरनिटी बेनिफिट्स बिल राज्यसभा से निकला तो, लोकसभा से पार नहीं पाया।
कश्मीर मुद्दे और गुजरात दलित उत्पीड़न ने पैदा की थोड़ी मुश्किलें:
- मानसून सत्र की शुरुआत से पहले कश्मीर हिंसा और गुजरात के ऊना में दलितों के उत्पीड़न के मामलों की वजह से अटकलें लगायी जा रही थी कि जबरदस्त हंगामा हो सकता है।
- हंगामा हुआ भी लेकिन केंद्र सरकार के प्रबंधकों ने विपक्षी दलों के नेताओं से बातचीत कर संसद में रुकावट को दूर कर दिया।
- इन मुद्दों के अलावा विपक्ष ने केंद्र सरकार को महंगाई के मुद्दों पर भी घेरा।
- इसके अलावा राज्यसभा में नयी शिक्षा नीति और उत्तराखंड सहित अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम और राज्यपालों की भूमिका पर चर्चा की गयी।
प्रधानमंत्री ने दी बधाई:
- संसद का यह सत्र काफी महत्वपूर्ण और सफल रहा, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में बहुत कम सत्र ही इसका हिस्सा हैं।
- मानसून सत्र की कामयाबी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और उनके दोनों जूनियर सहयोगियों एसएस आहलुवालिया और मुख़्तार अब्बास नकवी को बधाई दी।
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Divyang Dixit
Journalist, Listener, Mother nature's son, progressive rock lover, Pedestrian, Proud Vegan, व्यंग्यकार