वर्षों से भारत में किसानों की दुखदायी हालत पर खबरें आती रहीं हैं.इसी के तहत किसानों की हालत को उजागर करती एक और खबर आ रही है.वर्ष 2015 में कुल 8007 किसानों की आत्म हत्या बेहद हैरान कर रही है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने किया आकड़ों का खुलासा
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार पिछले वर्ष के मुकाबले
- इस वर्ष किसानों की आत्म हत्या में 42 फीसदी इजाफा हुआ है.
- वर्ष 2014 में 5650 किसानों ने आत्महत्या की थी.जो साल 2015 में बढ़कर 8007 हो गई है.
- वहीँ दूसरी ओर कृषि श्रमिकों की आत्महत्या में कमी देखि गयी है.
- साल 2014 में 6710 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की थी.
- जबकि साल 2015 में 4595 कृषि श्रमिकों की आत्महत्या रिकॉर्ड में है.
- विभिन्न राज्यों से अलग अलग आंकड़े आ रहे हैं.जिसमे से सबसे ज्यादा आत्महत्या दक्षिण क्षेत्रों से आ रही है.
- 87 फीसदी आत्महत्या महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र और तमिलनाडु में हुई हैं।
- आंकड़ों की मानें तो हर रोज़ तीन किसान केवल मध्य प्रदेश में ही आत्म हत्या करते हैं.