हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी-भाजपा की जीत ने चीन के लिए नई दिल्ली में एक तेजी से शक्तिशाली और हार्ड लाइन सरकार के साथ निकटता से जुड़ने के लिए तमाशे सीमावर्ती प्रश्नों को हल करने का एक अवसर प्रदान किया है.
मोदी की चुनावी जीत पर चीन हुआ कायल
- उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण मुकाबले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की
- अगुवाई वाली भाजपा की व्यापक जीत पर टिप्पणी करते हुए, ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि
- इसने 201 9 के आम चुनाव में जीतने का मौका बढ़ा दिया है.
- राय टुकड़ा ने कहा कि अभी तक कोई सीमा “विवाद” उभर नहीं पाया है,
- क्योंकि मोदी विदेश नीति पर मजबूत पदों पर पहुंच रहे हैं.
- लेकिन सत्ता के एकीकरण से मोदी को निर्णायक कदम उठाने की शक्ति मिल सकती है,
- यह पहली बार नहीं है कि चीनी राज्य मीडिया ने कहा है कि सीमा विवाद
- मोदी के तहत भारत के साथ हल किया जा सकता है,
- खासकर 2014 में केंद्र में उनकी जीत के नेतृत्व में भी चीनी मीडिया ने कुछ ऐसे संकेत दिए थे.
भारत – चीन संबध अभी भी आशावादी
- चीन से ऐसे भी संकेत मिले है कि मोदी की इस जीत पर चीन दोनों देशों में
- प्रगाढ़ रिश्ते बनाने की मांग कर रहा है.
- सीमा विवादों सहित हमारे विघटन को हल करने में चीन आशावादी है.
- यह तभी संभव होता नजर आयेगा जब पहल दोनों देशों से हो.
- चीन के लिए, यह एक मौक़ा रेखा भारत सरकार के साथ बीजिंग-नई दिल्ली संबंधों में
- सफलता बनाने के बारे में अधिक विचार करने का एक अवसर भी है.
- मोदी ने चीन और मॉस्को के साथ नई दिल्ली के संबंधों को बढ़ाया और
- शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य होने के लिए आवेदन किया.·
- इसके बावजूद उन्होंने अमेरिका और जापान के साथ रक्षा सहयोग भी बढ़ाया, ·
- एशिया-प्रशांत रणनीतियों और दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर ·
- वाशिंगटन के रुख के लिए अमेरिकी पुनर्मिलन के लिए उनके समर्थन को व्यक्त किया है.
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