प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन को पीओके का जवाब देने के तहत वियतनाम पहुँच चुके हैं। करीब 15 साल बाद कोई भारतीय पीएम वियतनाम पहुंचा है।
2001 में गए थे अटल बिहारी वाजपेयी:
- साल 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वियतनाम के दौरे पर गए थे।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वियतनाम को डिफेन्स के लिए 50 करोड़ डॉलर करीब 3328 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।
- वियतनाम के बाद पीएम जी-20 समिट में हिस्सा लेने चीन के हांगझोऊ शहर के लिए रवाना होंगे।
भारत और वियतनाम के बीच 12 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर:
- पीएम मोदी के वियतनाम दौरे पर दोनों देशों के बीच रक्षा, आईटी, स्पेस, डबल टैक्सेशन और समंदर में इनफार्मेशन समेत 12 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
- हस्ताक्षर पीएम मोदी और वियतनामी काउंटरपार्ट नगुएन जुआन फुक की मौजूदगी में हुए।
- समझौतों में वियतनाम ने डिफेन्स और एयर प्रोडक्शन में ख़ासा इंटरेस्ट दिखाया।
- विदेश मंत्रालय के स्पोकपर्सन विकास स्वरुप ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
- भारतीय कंपनी एलएंडटी वियतनाम कोस्ट गार्ड के लिए हाईस्पीड बोट बनाएगी।
- भारतीय और वियतनाम नेवी एक-दूसरे से शिपिंग इनफार्मेशन भी साझा करेंगी।
- इसके अलावा दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, साइबर सिक्युरिटी, कॉन्ट्रैक्ट एंड डिजाईन, इक्विपमेंट सप्लाई और टेक्नोलॉजी ट्रान्सफर को लेकर भी समझौते हुए हैं।
- साथ ही दोनों देशों के बीच 2017 को ‘द इयर ऑफ़ फ्रेंडशिप’ भी मनाया जायेगा।
अहम् है दौरा:
- वैश्विक पटल पर चीन और वियतनाम काफी हद तक भारत पाकिस्तान जैसे ही हैं।
- दोनों देशों के बीच तीन बार जंग लड़ी जा चुकी है।
- भारत वियतनाम के साथ मिलकर साउथ चाइना सी में आयल की खोज कर रहा है।
- जिस पर चीन ने ऐतराज जताया था।
- हालाँकि, इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने चीन के साउथ चाइना सी को लेकर उसके दावे को ख़ारिज किया था।
- जिस पर चीन ने भी उसके इस फैसले को मानने से इंकार दिया था।
- वहीँ चीन पाकिस्तान का समर्थक है, जिसके तहत पीएम मोदी वियतनाम से अपने दोतरफा रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं।
वियतनाम की जनता का भरोसा ‘भारत’:
- वहीँ वियतनाम के लोगों की राय जानें तो करीब दो-तिहाई आबादी भारत के पक्ष में हैं।
- जिनमें 18 से 29 साल के 72 फ़ीसदी लोगों को भारत पर भरोसा है।
- जबकि 19 फ़ीसदी लोग चीन के पक्ष में हैं।
बढ़ा है वियतनाम का इम्पोर्ट:
- भारत वियतनाम का सबसे बड़ा आर्म्स एक्सपोर्टर बनने की कोशिश करेगा।
- जिसकी बड़ी वजह पिछले 4 सालों में वियतनाम का डिफेन्स इम्पोर्ट 699 फ़ीसदी बढ़ा है।
- गौरतलब है कि, वियतनाम भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीद सकता है।
- इसके अलावा वियतनाम वरुणास्त्र टॉरपीडो खरीदने के लिए पहले ही राजी हो चुका है।
- इसके अतिरिक्त भारत वियतनाम को 6 किलो क्लास पनडुब्बी ऑपरेट करने की ट्रेनिंग भी दे रहा है।
- गौरतलब है कि, दोनों देशों के बीच अभी करीब 7400 करोड़ रुपये का कारोबार है।
- जिसे 2020 तक 10 हजार करोड़ ले जाने का टारगेट रखा गया है।
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