प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली और मेरठ के बीच एनएच 24 और इस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. साथ ही प्रगति मैदान से यूपी गेट तक पीएम रोड शो करेंगे. पीएम का रोड शो 7 किलोमीटर लम्बा होगा. प्रगति मैदान से ग़ाज़ीपुर (यूपी गेट) तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पहला चरण बन कर तैयार है इस पर ही पीएम मोदी खुली जीप में 7 किलोमीटर लम्बा रोड शो करेंगे.
एनएच 24 और ईपीई का उद्घाटन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 2 बड़ी सड़कों की सौगात देने वाले हैं. पीएम मोदी आज 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार देश के पहले स्मार्ट और हरित राजमार्ग ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे’ (ईपीई) का उद्घाटन करेंगे.
इस दौरान पीएम दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर एक खुली जीप में रोड यात्रा करेंगे. उनका यह रोड शो निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू होगा. यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का लगभग 9 किलोमीटर का पहला चरण है. इसके बाद प्रधानमंत्री हेलिकॉप्टर से बागपत जायेंगे, जहां वह ईपीई देश को समर्पित करेंगे.
पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन समारोह उत्तर प्रदेश के बागपत में जिला खेल स्टेडियम में होगा. एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के डिजिटल आर्ट गैलेरी का सोनीपत के जाखौली में टोल प्लाजा के पास उद्घाटन करेंगे.
PM करेंगे रोड़शो:
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि पीएम मोदी बागपत के खेखडा में 1 लाख लोगों की रैली को संबोधित करेगे. 15 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ईपीई के शुरू होने में देरी पर नाराजगी जताई थी. 26 मई को मोदी सरकार चार साल पूरे कर रही है. उसके ठीक एक दिन बाद पीएम मोदी दिल्ली-एनसीआर में मेगा शो करेगें.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 50,000 वाहनों को, जिन्हें दिल्ली आने की जरूरत नहीं होती थी, अब उन्हें शहर में प्रवेश करने की जरूरत नहीं है और उन्हें डायवर्ट कर दिया जाएगा. इस वजह से प्रदूषण और यातायात समस्या का महत्वपूर्ण ढंग से सामाधान होगा.
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— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) May 26, 2018
खास हैं एक्सप्रेसवे:
यह देश का पहला हाईवे है, जहां सौर बिजली से सड़कें रोशन हो रही हैं. इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है. हाईवे पर 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया गया है और 40 झरने बनाए गए हैं. प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिए आधारशिला 5 नवंबर, 2015 को रखी थी. यह देश का पहला एक्सिस कंट्रोल हाईवे है और वाहनों को उनकी यात्रा के बराबर टोल चुकाना होगा.
11,000 करोड़ का एक्सप्रेसवे:
कुल 135 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर 11,000 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह देश का पहला राजमार्ग है, जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी. इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचय की व्यवस्था होगी. इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र हैं, जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है.
सौर बिजली से रोशन सड़के:
यह एक्सप्रेसवे तकनीकी के मामले में दुनिया के किसी भी एक्सप्रेस-वे को टक्कर दे सकता है. यह देश का सबसे हाईटेक हाईवे है. इस हाईवे के शुरू होने से दिल्ली पर पड़ने वाला वाहनों का बोझ कम हो जाएगा, जिससे राजधानी की हवा की क्वालिटी में भी सुधार होगा.
यह हाईवे कुंडली, मवीकलां (एनएच-57), दुहाई (एनएच-58), डासना (एनएच-24), बील अकबलपुर (एनएच-91) को जोड़ते हुए कासना-सिकंदरा, फैजपुर खादर से होते हुए हरियाणा के पलवल से जुड़ेगा. इस हाईवे के शुरू होने से राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से आने वाले वाहनों को अब दिल्ली के अंदर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा.
प्रदूषण से राहत:
दिल्ली के ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए तैयार किये गए 6 लेन वाला 135 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे हरियाणा के कुंडली से शुरू होकर गाजियाबाद और नोएडा होते हुए पलवल से मिलेगा. इसके बनने से कुंडली से पलवल के बीच जाने-आने वालों को दिल्ली में एंट्री करने की जरूरत नहीं होगी. यही नहीं ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के चालू होने पर कोलकाता से सीधे जालंधर,अमृतसर और जम्मू जाने-आने वाले वाहनों, खासकर ट्रकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस वे है जिसमें बगीचे बने हैं, सोलर सिस्टम से लैस लाइट लगाई गयी हैं, एक्सप्रेस वे पर सोलर सिस्टम से 4 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी. ईस्टर्न एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गति सीमा 120 किमी प्रतिघंटा तय की गई है. यानि कि इस स्पीड से अगर आप चले तो 135 किमी की दूरी 70 मिनट में तय की जा सकती है. सरकार का मानना है कि इस एक्सप्रेस वे के चालू होने से 50 फीसदी तक दिल्ली के प्रदूषण में कमी आएगी और ट्रेफिक जाम की समस्या कम हो जाएगी.