पीएम मोदी रेडियो के जरिये एक बार फिर मन की बात कर रहे हैं. मन की बात के 40वें संस्करण में पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह पर भी बात की. साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देने की बात करते हुए उन्होंने कल्पना चावला का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि कल्पना चावला ने देश की महिलाओं को आगे बढ़ने का संदेश दिया है. देश की लड़कियों को आगे बढ़ते देखकर काफी खुशी होती है. पुराणों में कहा गया है कि एक बेटी दस बेटों के बराबर है, दस बेटों से जितना पुण्य मिलेगा उतना एक अकेली बेटी से मिलेगा.
बेटी हमेशा समाज को बांधने का काम करती है:
पीएम मोदी ने कहा कि बेटी हमेशा समाज को बांधने का काम करती रही है. हम सबके लिए दुख की बात है कि कल्पना चावला को इतनी कम उम्र में खो दिया, लेकिन उन्होंने नारी शक्ति को प्रेरणा दी. यह देखकर काफी खुशी होती है कि भारत में आज महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही. वहीँ उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान देशों के प्रमुखों की उपस्थिति पर भी बात की. उन्होंने कहा कि यह 2018 की पहली मन की बात है. दो दिन पहले ही गणतंत्र को उत्साह के साथ मनाया. पहली बार ऐसा हुआ कि 10 देशों के मुखिया इस समारोह में उपस्थित रहे.
पहली बार 10 देशों के मुखिया समारोह का हिस्सा बने
पीएम मोदी ने कहा कि वेदों की रिचाओं को गढ़ने में देश की बहुत सारी विदुषियों का योगदान रहा है. हमारे स्कंद पुराण में कहा गया है, ‘दस पुत्रम समा कन्या’ हमारे समाज में नारी को शक्ति का दर्जा दिया गया है. यह शक्ति परिवार को एकता के सूत्र में बांधती है. क्षमता बाजपेयी की अगवाई वाली आल वूमन क्रू ने उड़ान भरी. आज नारी हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही है. देश की महिलाएं हर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रही है, महिलाओं की उपलब्धियों पर एक किताब भी तैयार की गई है, ये किताब नरेंद्र मोदी वेबसाइट पर ई-बुक के तौर पर मौजूद है.मुंबई का माटुंगा स्टेशन देश का ऐसा पहला स्टेशन है जहां सारी महिला कर्मचारी हैं. विमेन अचीवर्स पर एक पुस्तक भी तैयार की गई है ताकि लोग उनके बारे में जानें और प्रेरणा ले सकें.
नारी शक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं
आज हमारी नारी शक्ति आत्मनिर्भर बन रही हैं. छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं ने भी एक मिसाल कायम की है. कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. वह बात है लचीलापन, आवश्यक सुधार करना. हमारे समाज की विशेषता है कि खुद का सुधार करने का प्रयास किया जाता है. नारी शक्ति के लिए इस देश में कुछ भी असंभव नहीं है. दहेज के खिलाफ बिहार की पहल बेहद शानदार है. हमारे समाज की विशेषता है कि आत्मसुधार करने का निरंतर प्रयास, ये भारतीय परम्परा, ये हमारी संस्कृति हमें विरासत में मिली है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं बिहार की जनता, राज्य के मुख्यमंत्री और मानव श्रृंखला में शामिल हर व्यक्ति की सराहना करता हूं.