प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी 5 देशों की यात्रा के तहत स्विट्ज़रलैंड पहुँच गए हैं। इस दौरे पर वो स्विट्ज़रलैंड का न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप पर मत हासिल करने की कोशिश करेंगे।
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ब्लैकमनी और इन्वेस्टमेंट पर होगा फोकस:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी 5 देशों की यात्रा के तीसरे पड़ाव स्विट्ज़रलैंड पहुँच चुके हैं।
- इस दौरान वो यहाँ ब्लैकमनी और इन्वेस्टमेंट के मुद्दों पर फोकस करेंगे।
- इसके अलावा न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की एंट्री पर स्विट्ज़रलैंड का मत हासिल करने की कोशिश करेंगे।
- गौरतलब है कि, भारत की सदस्यता पर पाकिस्तान चीन के सहयोग से मुश्किलें पैदा कर चुका है।
- प्रधानमंत्री स्विस बैंकों से भारतीय खाताधारकों के नाम भी मांग सकते हैं।
- गौरतलब है कि, भारत के साथ टैक्स इनफार्मेशन साझा करने वाले क़ानून पर विचार कर रहा है।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि, स्विट्ज़रलैंड पहले से ही कनाडा, जापान, और कुछ अन्य देशों के साथ टैक्स नियमों के वॉयलेशन की जानकारी साझा कर रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी यही चाहते हैं।
- भारत में इस वक़्त तकरीबन 250 स्विस कंपनियां हैं, जिनका कुल इन्वेस्टमेंट 30,760 करोड़ रुपये का है।
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क्या बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी:
- क़तर से स्विट्ज़रलैंड के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, काला धन और कर चोरी दोनों देशों के लिए मुख्य समस्या है।
- उन्होंने कहा कि, “दोनों देशों के बीच अर्थव्यवस्था की जड़ें काफी गहरी हैं”।
- उन्होंने कहा कि, “यह शहर रेड क्रॉस का घर है”।
- उन्होंने कहा कि, “स्विस घड़ियों में लगने वाले डायमंड्स गुजरात से आते हैं।
- उन्होंने कहा कि, स्किल डेवलपमेंट का स्विस मॉडल हमारे समान है।
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भारत को मिला एनएसजी के लिए स्विट्ज़रलैंड का सपोर्ट:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन अपेक्षाओं के साथ स्विट्ज़रलैंड पहुंचे थे, उनमे से एक पर स्विट्ज़रलैंड के प्रेसिडेंट ने सहमति दे दी है।
- भारत की न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता पर स्विट्ज़रलैंड उसे सहयोग करने को राजी हो गया।
- सपोर्ट मिलने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि, “एनएसजी मेम्बरशिप के लिए भारत की जरुरत को समझने और सपोर्ट करने के लिए स्विस प्रेसिडेंट का धन्यवाद् करता हूँ”।
- इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्विट्ज़रलैंड में भारतीय वैज्ञानिकों से भी मिले।