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रोजगार के मुद्दे पर PM मोदी ने विरोधियों को दिया जवाब

Pm modi talking about budget loksabha election 2018

Pm modi talking about budget loksabha election 2018

प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी ने साल 2018 का पहला इंटरव्यू दिया है इस इंटरव्यू  में पीएम मोदी ने देशवासियों को नए साल की बधाई दी और अपने विरोधियों को कड़ा जवाब भी दिया. बजट से पहले पीएम मोदी ने इंटरव्यू में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर काफी बातें की हैं. विपक्ष ने सरकार को चाहे गुजरात चुनाव हो या जहां मौका मिला तब घेरा खास कर सरकार की रोजगार पर काफी आलोचना हुई इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया.

 

हर बार रोजगार का मुद्दा बड़ा मुद्दा बनता है.

पीएम मोदी ने कहा है की ’न्यूट्रल एजेंसी की रिपोर्ट आई है. पिछले एक साल में EPF में आने वाले लोग 70 लाख हैं. 10 करोड लोगों को मुद्रा योजना के तहत 4 लाख करोड़ रुपये दिए गए. इनमें से पहली बार पाने वाले 3 करोड़ नए लोग हैं.

जीएसटी और नोटबंदी को सरकार का काम मानना मेरे साथ

सिर्फ जीएसटी और नोटबंदी को सरकार का काम मानना मेरे साथ अन्याय. जब अटल जी की सरकार थी तब जीएसटी का विचार शुरू हुआ था. यूपीए सरकार ने राज्य के मुद्दों को अनदेखा किया. हमने राज्य के मुद्दों पर ध्यान दिया. जीएसटी लाकर संघीय शासन का सम्मान किया है और एक देश एक टैक्स लाने में सफलता पाई है.देश हमें चुनाव जीताने के लिए सरकार बना कर बैठाने के लिए नहीं बैठाता है. सही निर्णय और कदम उठाने के लिए बैठाता है. देश का भला करने के लिए सरकार चलानी चाहिए. जो इंसान चुनाव के बारे में सोचना ही नहीं हो उसे निर्णय लेने में दिक्कत नहीं होती.

भारत में विदेशी निवेश बड़ा

अब बात भारत में विदेशी निवेश की.2014 में जब एनडीए की सरकार बनी तब विदेशी निवेश 36 बिलियन डॉलर यानी करीब 2 लाख 30 हजार करोड़ रुपये था जो अब 2018 में बढ़कर 3 लाख 84 हजार करोड़ रुपये हो गया है. आजादी के भारत में विदेशी निवेश की ये सबसे बड़ी छलांग है.

देश का वोटर विधानसभा -लोकसभा चुनाव में फर्क करना सीख गया है.

अब देश का वोटर समझदार है. वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फर्क समझता है. इन दोनों चुनावों को साथ-साथ होना चाहिए. इसके एक महीने बाद स्थानीय चुनाव होने चाहिए. सब मिलकर ऐसा सोचेंगे तो ये संभव हो सकता है. एक बार चर्चा शुरू हो तो आगे की राह निकल आएगी.

विदेशी निवेश बढ़ा

’2014 के बाद से भारत दुनिया से डायरेक्ट कनेक्ट हो रहा है. सबसे बड़ी बात है भारत में 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई है. ये विश्व में बहुत बड़ा महत्व रखता है. ये पहले दिन से नजर आता है. जबसे हमारी सरकार आई, भारत घर में अच्छा कर रहा है, इसलिए दुनिया स्वीकार कर रही है. जब दुनिया ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में 142 से 100 रैंक पर जाना देखती है तो ये उनके लिए बड़ी बात है.

आप क्या लक्ष्य लेकर दावोस जा रहे हैं

तीन दिन बाद पीएम मोदी स्विटजरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकतों के बीच भारत का डंका बजाने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी के भाषण से ही होगी. ऐसे में दुनिया की नजर भारत पर होगी. दावोस से जुड़ा सवाल भी पीएम से पूछा गया.दुनिया भली भांति जानती है कि दावोस एक तरह से अर्थ जगत की एक बड़ी पंचायत बन गई है. अर्थ जगत के सभी बड़े लोग वहां इकट्ठे होते हैं. भावी आर्थिक स्थिति क्या रहेगी उस पर फोकस रहता है. जबसे पीएम बना हूं तब से मन था, लेकिन जा नहीं पा रहा था. इस बार एशियान मीटिंग हो रही है.10 मुखियाओं की मीटिंग यहां हो रही है, पर पहले से भारत आकर्षण का केन्द्र है.एक तो भारत की जीडीपी तेज़ी से बढ़ रही है. दूसरा डेमोक्रेटिक वैल्यूज.ये यूनिक कॉम्बिनेशन है.तो भारत के लिए अवसर है.

2019 के बारे में क्या सोच रहे है

’मैं चुनाव के हिसाब किताब में टाइम बर्बाद नहीं करता. सवा सौ करोड़ देशवासियों को जो करना है वो करेंगे.

विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ-साथ होने चाहिए ?

देश में हमेशा चुनाव का माहौल रहता है. चुनाव आने पर ‘फेडरल स्ट्रक्चर’ को चोट पहुंचती है. राजनीतिक दलों के बीच तू-तू, मैं-मैं होती है. साल में एक बार उत्सव की तरह चुनाव भी एक निश्चित समय में होने चाहिए. सुरक्षाबलों के लाखों जवान अक्सर चुनाव में लगे रहते हैं. राज्यों के तमाम बड़े अफसरों को ऑब्जर्वर के रूप में दूसरे राज्यों में भेजा जाता है.पोलिंग बूथ पर बड़ी तादाद में कार्यबल जुटे रहते हैं.काफी बड़ी रकम खर्च होती है इसी लिए दोनों चुनाव साथ होने चाहिए.इसके एक महीने बाद स्थानीय चुनाव होने चाहिए.सब मिलकर ऐसा सोचेंगे तो ये संभव हो सकता है.एक बार चर्चा शुरू हो तो आगे की राह निकल आएगी.

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