पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संवेदनशील मुद्दों पर अपनी चुप्पी तोड़ने की सलाह दी थी. जिसके जवाब में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पीएम मोदी के पक्ष से करार जवाब देते हुए कहा कि मनमोहन सरकार अपनी तुलना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ना करें.
पीएम मोदी को दी थी चुप्पी तोड़ने की सलाह
मनमोहन सिंह ने कठुआ और उन्नाव में हुए गैंगरेप पर पीएम मोदी की लम्बी चुप्पी की निंदा करी थी. उन्होंने कहा था जिस तरह पीएम मोदी और उनकी पार्टी मुझे बोलने की सलाह दिया करती थी उस पर उन्हें खुद भी अमल करना चाहिए.
मनमोहन सिंह ने कहा कि कठुआ और उन्नाव में हुए रेप जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पीएम नरेन्द्र मोदी को कुछ बोलना चाहिए था, ऐसी घटनाओं के कई दिन बाद आखिरकर अम्बेडकर जयंती के दिन पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी. कांग्रेस के शासनकाल के दौरान अक्सर बीजेपी द्वारा मनमोहन सिंह का मजाक बनाया जाता था और उन्हें ‘मौन मोहन सिंह’ बोला जाता था.
‘मौन मोहन सिंह’ कहे जाने पर मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें जीवन भर ऐसी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. “लेकिन जैसे वे मुझे बोलने की सलाह दिया करते थे उसी तरह उनको भी इस पर अमल करना चाहिए.”
उन्होंने ने कहा था उनके मंत्रियों को ऐसे मुद्दों में सावधानी से काम करना चाहिए, जिस तरह से जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कठुआ रेप केस में कार्यवाही की वह निंदनीय है, उन्हें शुरुवात में ही कठोर कदम उठाने चाहिए थे और सावधानी के साथ इस पर काम करना चाहिए था. यदि इस केस पर गंभीरता से काम किया जाता तो अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सकता था.
रवि शंकर प्रसाद ने संभाला मोर्चा:
मनमोहन सिंह के बयान आने के बाद केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि मनमोहन सरकार तो अपनी तुलना पीएम मोदी जी से नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रेप जैसे संवेदनशील मुद्दों को नरेन्द्र मोदी अमानवीय और शर्मनाक कह चुके है. सरकार द्वारा जल्द ही कार्यवाही की जाएगी.