प्रधानमंत्री कार्यालय ने यूनिवर्सल सोशल सिक्यूरिटी से जुड़े एक ओरास्ताव को मंजूरी दी है जिसमे 50 करोड़ लोगों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनायों पर काम किया जायेगा. इसके दायरे में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले कामगार भी आएंगे।
आम चुनाव से पहले मोदी सरकार की कोशिश
मिनिस्ट्री अगले आम चुनाव से पहले इस स्कीम को लागू कर लेना चाहती है। इसके तहत पेंशन (डेथ व डिसएबिलिटी दोनों) और मैटरनिटी कवरेज के साथ ऑप्शनल मेडिकल, बीमारी और बेरोजगारी कवरेज भी दिया जाएगा। मालूम हो केंद्र सरकार ने इससे पहले बजट 2018 -19 में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम ‘आयुष्मान भारत’ की घोषणा की थी, जिसमें बताया गया था कि 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5-5 लाख रुपये का हेल्थ कवर दिया जाएगा.
क्या है योजना?
यूनिवर्सल सोशल सिक्यूरिटी स्कीम के तहत कुल 10 चरणों में काम किया जायेगा.पहले चरण में सभी कामगारों को मामूली कवरेज दिया जाएगा, जिसमें हेल्थ सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनेफिट्स होंगे. दूसरे चरण में बेरोजगारी के लिए लाभ जोड़े जायेंगे और तीसरे चरण में अन्य कल्याणकारी योजनायों पर काम किया जायेगा.
इस स्कीम के अंतर्गत 50 करोड़ लाभार्थियों को चार स्तरों में बांट दिया जाएगा. पहले स्तर में गरीबी रेखा से नीचे के ऐसे लोग होंगे, जो कुछ भुगतान नहीं कर सकते. ऐसे लोगों से जुड़ी लागत केंद्र सरकार इन लोगों की भलाई के लिए वसूले जाने वाले टैक्स से करेगी.और वे कुछ क्षेत्र जो योगदान कर सकते हैं उन के कामगारों को दूसरे स्तर में सब्सिडाइज्ड स्कीमों के तहत कवर किया जाएगा. तीसरे स्तर में वे लोग होंगे, जो खुद या अपने एंप्लॉयर्स के साथ मिलकर पर्याप्त योगदान कर सकते हैं. चौथे स्तर में अपेक्षाकृत संपन्न कामगार को रखा जाएगा, जो खुद अंशदान कर सकते हों.
सूत्रों के मुताबिक, एक उच्च स्तरीय बैठक में पीएमओ ने श्रम मंत्रालय से सोशल सिक्योरिटी कवर पर कदम बढ़ाने को कहा है. और श्रम मंत्रालय के मुताबिक वित्त मंत्रालय भी इस प्रस्ताव से सहमत है.