विद्यालयों में मिलने वाले मिड डे मील के खाने से कभी बच्चे बीमार पड़े तो कभी कुछ बच्चों की मिड डे मील के खाने की वजह से आकस्मिक मौत हो गई। खाने की गुणवत्ता को लेकर मिड डे मिल हमेशा सवालों के घेरे में रही है। एक बार फिर मिड डे मील से जुड़ी खबर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आ रही है।

खाने में मिला मरा हआ चूहा:

  • दिल्ली के एक सरकारी विद्यालय में मिड डे मील खाना खाने के बाद नौ छात्र बीमार पड़ गए।
  • मामला दिल्ली के देवली इलाके में स्थित गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है।
  • जहां खाना परोसने के दौरान खाने में कथित तौर पर मरा हुआ चूहा पाया गया।
  • मिड डे मील का यह खाना खाने के बाद छात्र बीमार पड़ गए।
  • बीमार छात्रों को उपचार के लिए मदन मोहन मालवीय अस्पताल ले जाया गया

उप मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट:

  • घटना की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी छात्रों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे।
  • सिसोदिया ने ट्वीटर पर लिखा कि ‘दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील में चूहा मिला है। 9 बच्चे अस्पताल ले जाए गए हैं। बच्चों व् डॉक्टर से बात की है। सभी बच्चे ठीक हैं’
  • एक दूसरे ट्वीट में कहा कि मिड डे मील सप्लायर के खिलाफ FIR करा रहे हैं।
  • कल से हमारे अधकारी खाने पकाए जाने पर कड़ी निगरानी रखेंगे।
  • साथ ही सरकार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए मिड डे मील की सप्लाई करने वाले एनजीओ को शिक्षा विभाग ने ब्लैक लिस्ट में भी डालने का फैसला किया है।
  • सिसोदिया ने कहा कि बच्चो के मामले में इतनी बड़ी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शुरु हो गई राजनीति:

  • इस घटना के सामने आने के बाद इलाके के बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी बच्चों से मिलने गये।
  • साथ ही दिल्ली की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता किरण वालिया भी बच्चों से मिलने पहुंचे।
  •  ये दोनो नेता ने एनजीओ पर ही सवाल खड़े कर दिए।
  • सांसद रमेश बिधूड़ी ने तो एनजीओ का रिश्ता आम आदमी पार्टी के एक विधायक से जोड़ दिया।
  • वहीं पुलिस अधिकारियों के अनुसार उन्हें घटना की जानकारी है, लेकिन उन्हें अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।

शिक्षकों ने सरकार पर लगाया आरोप:

  • मामला सामने आने के बाद शिक्षकों ने इस घटना का सारा ठीकरा सरकार पर फोड़ा है।
  • सरकारी स्कूल शिक्षक संघ के सचिव अजयवीर सिंह यादव ने कहा कि यह घटना सरकारी तंत्र की नाकामी को दर्शाता है।
  • दरअसल मौजूदा सरकार इवेंट मैनेजमेंट के फॉर्म्युले पर काम करने में यकीन करती है।
  • धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है, जहां काम नहीं होना चाहिए वहां काम किया जा रहा है।
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