नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस द्वारा 16 महिलाओं के साख रेप और उत्पीड़न के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस भेजा है। कमीशन ने इन सारी घटनाओं के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
ह्यूमन राइट्स कमीशन ने सरकार को किया तलब :
- आज कमीशन की तरफ से नवंबर 2015 में बस्तर में आदिवासी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
- कमीशन ने बताया, 34 महिलाओं ने आयोग से रेप और यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें की थी।
- जिसकी जांच में आयोग ने पाया कि सभी पीड़ित महिलाएं आदिवासी थीं।
- पुलिस ने इस मामले में एफआईआरक दर्ज करते हुए भी बड़ी लापरवाही की।
- पुलिस ने इतने गंभीर मामले में एससी-एसटी एक्ट का पालन नहीं किया।
- जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पुलिस ने आदिवासी परिवारों को मूलभूत सुविधाओं से भी दूर रखने की कोशिश की।
अंतरिम बजट पर भी उठाया सवाल :
- कमीशन ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है,
- आखिर सरकार की ओर से पीड़ितों के लिए 37 लाख रुपए का अंतरिम बजट क्यों नहीं पास किया जाना चाहिए।
- जिसमें से रेप की शिकार 8 महिलाओं को 3-3 लाख रुपए,
- उत्पीड़न का शिकार 6 महिलाओं को 2-2 लाख,
- वहीं अन्य 2 महिलाओं को 50-50 हजार रुपए देना शामिल है।
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