आज अमरीका में राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है. बराक ओबामा के कार्यकाल की समाप्ति के साथ ही अब अमरीका को एक नया चेहरा मिलेगा जो उनका प्रतिनिधित्व करेगा. मैदान में डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन हैं जबकि उनके सामने रिपब्लिकन पार्टी के कारोबारी डोनल्ड ट्रम्प हैं.
LIVE अपडेट:
- न्यू हैंपशायर में डोनाल्ड ट्रंप, हिलेरी क्लिंटन से आगे चल रहे हैं.
- ट्रंप ने 32-25 से बढ़त बनाई हुई है.
- हिलेरी ने डिक्सविले नॉच में 4-2 से ट्रम्प को पछाड़ा था.
- रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने केन्टकी, इंडियाना और वेस्ट वर्जीनिया राज्यों में जीत दर्ज कर ली है.
- हिलेरी क्लिंटन को वरमॉन्ट में बढ़त हासिल हुई है.
- इस तरह डोनाल्ड ट्रंप हिलेरी क्लिंटन से आगे चल रहे हैं.
- ट्रंप 24 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर तीन वोट हासिल करने वाली हिलेरी क्लिंटन से आगे चल रहे हैं.
- राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करना जरूरी है.
- रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 149-109 से बढ़त बनाए हुए हैं.
- अब तक ट्रंप को 254 इलेक्टोरल वोट और हिलेरी को 209 पर बढ़त मिली है.
शुरुआती दौर में हिलेरी आगे:
- शुरुआती दौर में डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन आगे चल रही हैं.
- हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रंप को डिक्सविले नॉच में 4-2 से हराया.
- हार्ट्स लोकेशन से भी हिलेरी क्लिंटन ने बाजी मार ली है.
- हिलेरी को यहां 17 वोट मिले जबकि ट्रंप के खाते में 14 वोट मिले.
- वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओेबामा ने अमेरिका के लोगों से हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में वोट देने की अपील की.
- उन्होंने कहा कि अमेरिका की जनता के पास देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनने का मौका है.
- वहीँ अमरीका में रह रहे भारतीयों का भी मानना है कि हिलेरी को ही चुनाव जीतना चाहिए.
- हालाँकि ट्रम्प ने कई मौकों पर भारतीयों की खुलकर तारीफ की है.
- ट्रम्प ने भारत के प्रति अपना प्यार हाजिर किया है और उन्हें लुभाने की कोशिश की है.
इसके उलट हिलेरी ने पूरी तरह से अपना कैंपेन अमरीका पर फोकस रखा है. रणनीतिक कुटनीतिक और विदेश नीति के साथ आतंरिक सुरक्षा को तरजीह देते हुए हिलेरी ने अमरीका से वोट देने की अपील की है.
ट्रम्प और हिलेरी के बीच ये मुकाबला रोचक होता दिख रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प को कमजोर आंकना भूल होगी. ट्रम्प ने बाहरी देशों के मुस्लिमों को अमरीका से निकाल देने की बात की थी. इसके बाद ट्रम्प को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.