बीते 17 जुलाई को देश की संसद समेत सभी 31 विधानसभाओं में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया गया था, जिसके बाद 20 जुलाई को NDA उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने UPA उम्मीदवार मीरा कुमार को भारी अंतर से हराया था। वहीँ देश के वर्तमान महामहिम प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल सोमवार 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। जिसके तहत राष्ट्रपति भवन में फेयरवेल कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। देश के राष्ट्रपति के तौर पर प्रणब मुखर्जी कार्यकाल शानदार रहा। आइये जानते हैं की रिटायरमेंट(pranab mukherjee retirement) के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी क्या करेंगे और कहाँ रहेंगे।
रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे, कहाँ रहेंगे प्रणब मुखर्जी(pranab mukherjee retirement):
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो रहा है।
- जिसके बाद प्रणब मुखर्जी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के 10 राजाजी मार्ग पर रहेंगे।
- सूत्रों के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी अपनी ऑटोबायोग्राफी की तीसरी बुक पूरी करेंगे।
- जिसके बाद वे टीचिंग भी कर सकते हैं।
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रिटायरमेंट के बाद मिलेंगी ये सुविधाएँ(pranab mukherjee retirement):
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास रिटायरमेंट के बाद 5 लोगों को स्टाफ रहेगा।
- मौजूदा समय में उनके पास 200 लोगों का स्टाफ है।
- साथ ही उन्हें मिली बुलेटप्रूफ मर्सिडीस उन्हीं के पास रहेगी।
- वहीँ स्टाफ का खर्च उठाने के लिए उन्हें 60 हजार रुपये सालाना मिलेंगे।
- इसके साथ ही उन्हें दो फोन कनेक्शन मिलेंगे।
- जिनमें से एक इन्टरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए होगा।
- एक मोबाइल फोन मिलेगा जिसमें ऑल इंडिया रोमिंग की सुविधा फ्री रहेगी।
- साथ ही प्रणब मुखर्जी को जीवन पर्यंत मेडिकल इलाज की सुविधा फ्री मिलेगी।
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महामहिम के तौर पर शानदार रहा कार्यकाल(pranab mukherjee retirement):
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो रहा है।
- महामहिम बनने से पहले प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक कार्यकाल 50 साल का था।
- साथ ही उन्होंने 14 साल तक संसद के दोनों सदनों का नेतृत्व भी किया।
- इतना ही नहीं प्रणब मुखर्जी ने 4 प्रधानमंत्रियों के साथ भी काम किया।
- वहीँ देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो बार राज्यसभा के मेंबर रहे हैं।
- प्रणब मुखर्जी करीब 43 साल तक पार्लियामेंट मेम्बर रहे और 22 साल तक मिनिस्टर की पोस्ट पर रहे।
- अपने कार्यक्रम में महामहिम प्रणब मुखर्जी ने 32 दया याचिकाओं पर फैसला किया।
- जिनमें से कुछ याचिकाएं साल 2000 से अटकी थीं।
- अफजल गुरु, अजमल कसाब, याकूब मेमन समेत 28 दया याचिकाएं ख़ारिज भी की।
- जिसके तहत कसाब को 2012, अफजल गुरु को 2013 और याकूब को 2015 में फांसी दी गयी।
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