5 राज्यों में समाप्त हुए चुनाव के बाद कांग्रेस की बुरी हालत के बावजूद प्रशांत किशोर चिंतित नहीं हैं और वो पंजाब और यूपी में होने वाले चुनावों के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।
प्रशांत किशोर ही कांग्रेस के रणनीतिकार के रूप में यूपी में चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। प्रशांत किशोर की मुख्य चिंता आम आदमी पार्टी का पंजाब में बढ़ता कद है और इसके लिए वो कुछ समय इंतजार करने के मूड में हैं। आम आदमी पार्टी के पंजाब में बढ़ते हुए प्रभाव को कम करने के लिए प्रशांत किशोर कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं लेकिन हालात के बदलने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों के अनुसार, पंजाब में सीधा मुकाबला कांग्रेस और आप के बीच होगा। बीजेपी और अकाली के गठबंधन को ‘बेमेल‘ करार देते हुए इनके सूत्रों ने सत्ताधारी गठबंधन को मुकाबले से बाहर बताया।
दूसरी ओर 2014 के लोकसभा चुनावों में 4 सीटें मिलने से उत्साहित अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अपना अभियान तेज कर दिया है और अकाली दल पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार शुरू कर दी है।
अरविंद केजरीवाल पंजाब में किसानों की बदहाली और युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति को अपना मुख्य मुद्दा बनाकर पंजाब के चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।