सुप्रीम कोर्ट को पेपरलेस बनाने के लिये सारी तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। पेपरलेस बनाने के प्रयास के तहत शीर्ष अदालत ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लागू करने के लिये सारी तैयारी कर रखी है। पहली बार में प्रथम पांच अदालतों में सिर्फ सूचीबद्ध नये मामलों को न्यायाधीश एक डिस्प्ले उपकरण पर डिजिटली देख सकेंगे। शीर्ष अदालत रजिस्ट्री के मुताबिक परियोजना धीरे-धीरे लागू की जाएगी।
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रिकॉर्ड को अपलोड करने के लिए दिया गया लॉग इन आईडी :
- रजिस्ट्री ने कहा कि देश में सभी उच्च न्यायालयों को निर्धारित फॉर्मेट में डिजिटल रिकॉर्ड को अपलोड करने के लिये लॉग इन आईडी प्रदान किया गया है।
- इस संबंध में शीर्ष अदालत रजिस्ट्री ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।
- जिसमें कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अदालत को पेपरलेस बनाने के लिये सारी तैयारी कर रखी है
- कहा कि चूंकि पेपरलेस अदालत की अवधारणा में कई तकनीकी और कामकाजी मुद्दे शामिल हैं।
- आगे कहा कि इसलिये इसे धीरे-धीरे लागू किया जाना प्रस्तावित किया जाता है।
- कहा कि अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों के कामकाज का यह नया तरीका होगा।
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विज्ञप्ति में दी गई संबंधित जानकारी :
- जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि उच्चतम न्यायालय का इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट इंन्फॉर्मेशन सिस्टम (आईसीएमआईएस) शुरू करने के बाद देश में विभिन्न उच्च न्यायालयों ने इसपर बड़ी संख्या में केस फाइल अपलोड की।
- इसमें कहा गया है, उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री सभी उच्च न्यायालयों से बातचीत कर रहा है।
- यहां तक कि उच्च न्यायालयों के नोडल अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस भी किया गया।
- इस प्रक्रिया को समय-समय पर अद्यतन किया जाएगा, जिसका आखिरी लक्ष्य अदालत को पेपरलेस बनाना है।
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