आज सुबह ओडिशा दूर व्हीलर द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परिक्षण हुआ.राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी और पूर्व रक्षा मंत्री ने वैज्ञानिकों को इस सफल परीक्षण पर बधाई दी है.
राष्ट्रपति ने DRDO को बधाई दी
- राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने बोला की अग्नि पांच का सफल प्रक्षेपण भविष्य में बहुत काम आयेगा,
- रणनीतिक और सैन्य बल में बहुत मददगार साबित होगी अग्नि पांच मिसाइल.
- पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस सफलता को भारत के लिए गर्व का क्षण बताया है.
- रक्षा मंत्री ने उन सभ वैज्ञानिकों को बधाई दी है.
- जिन्होंने बिना थके इस सफलता में योगदान दिया है.
आज सुबह ही अग्नि पांच का सफलता पूर्वक परीक्षण हुआ है
- भारत के लिए इस मिसाइल का प्रक्षेपण बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.
- सूत्रों के अनुसार परीक्षण लॉन्च कॉम्प्लेक्स-4 मोबइल लांचर से हुआ है.
- यह मिसाइल लम्बी दूरी तक मार करने में सक्षम है.
- यह परीक्षण चतुर्थ विकासात्मक और दूसरा कैनिस्टराइज्ड परीक्षण है.
- पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था.
- दूसरा 15 सितम्बर 2013 को,तीसरा परीक्षण
- 31 दिसम्बर 2015 को इसी जगह से सफलतापूर्वक हुआ था.
पांच हज़ार किलोमीटर से अधिक दूरी की मार करने में सक्षम
- अग्नि-5 मिसाइल विभिन्न तकनीकों से भरपूर सटीक लक्ष्य भेदने की क्षमता रखती है.
- मिसाइल 17 मीटर लम्बी , दो मीटर चौड़ी और भार लगभग पचास टन है.
- इसके अलावा एक टन से अधिक परमाणु आयुध का भार उठाने में सक्षम है.
- अब तक की अन्य अग्नि श्रंखला मिसायलों में से सबसे आधुनिक मिसाइल मानी जा रही है.
- अग्नि पांच को नेविगेशन मार्गदर्शन और अन्य तकनीकों से लबरेज़ माना जा रहा है.
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