देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के खत्म होने के एक माह पूर्व दो दया और याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा खारिज की गई दया याचिकाओं की संख्या 30 हो गई है।
राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिकाएं-
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई 2017 को समाप्त होने जा रहा है।
- इससे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दो मामलों की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया।
- अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा खारिज की गई याचिकाओं की संख्या 30 हो गई है।
- बता दें कि मई के अंतिम हफ्ते ये दया याचिकाएं खारिज की गई।
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ये है मामले-
- पहला मामला 2012 में इंदौर का है।
- एक चार वर्षीय लड़की के रेप और मर्डर में तीन अपराधियों को बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के मामले का दोषी पाया गया।
- दूसरा मामला पुणे का है जहां 2007 में 20 साल की वीप्रो कर्मचारी के रेप और हत्या के दोषी पुरुषोत्तम दशरथ बोराटे और प्रदीप यशवंत कोकाडे को सजा-ए-मौत सुनाई गई थी।
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इन दया याचिकाओं को भी खारिज कर चुकें हैं प्रणब मुखर्जी-
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 1993 मुंबई हमले में दोषी याकूब मेनन की दया याचिका को खारिज किया था।
- इसके अलावा 2001 संसद अटैक के दोषी अफजल गुरु और 26/11 मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब की दया याचिका को भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खारिज किया था।
- बता दें कि राष्ट्रपति के लिए दया याचिकाओं पर निर्णय लेने का कोई निश्चित समय नहीं होता।
- पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किसी भी दया याचिका पर फैसला लिए बिना ही पद छोड़ दिया था।
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