आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव के मामले में निर्वाचन आयोग ने 17 अक्टूबर तक का आखरी मौका दिया है । ऐसे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आप के 27 और विधायकों की सदस्यता रद्द करने वाली याचिका निर्वाचन आयोग को भेज दी है । जिससे आम आदमी पार्टी के 27 और विधायकों कि सदस्यता खतरे में पद गई है । राष्ट्रपति ने निर्वाचन आयोग से मामले की जांच के लिए कहा है।
आप विधायकों कि सदस्यता संकट में
- आप के 21 विधायकों की सदस्यता पहले से ही खतरे में है।
- ऐसे में राष्ट्रपति द्वारा विधायकों की सदस्यता रद्द करने वाली एक याचिका ने 27 और विधायकों की सदस्यता संकट में डाल दी है ।
- आम आदमी पार्टी के ये 27 विधायक लाभ के पद के मामले में फंसे हैं।
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- इन विधायकों को अलग-अलग अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति का चेयरमैन बनाया गया था।
- आप के 21 विधायकों पर पहले से ही संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद लाभ के पद का इस्तेमाल करने का मामला चल रहा है।
- हालांकि इन 27 विधायकों में संसदीय सचिव मामले में फंसे कुछ विधायक भी शामिल हैं।
- गौरतलब है कि विभोर आनंद नामक एक लॉ छात्र की तरफ से दायर की गई थी।
- जिसमे कहा गया था कि अपने इलाके के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में।
- 27 विधायक रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष बनाए गए।
- जबकि केंद्र सरकार की 2015 की गाइडलाइंस के हिसाब से सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री,
- क्षेत्रीय सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष या फिर जिलाधिकारी ही रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष बन सकते हैं।
- क्षेत्रीय विधायक केवल इस समिति का सदस्य ही बन सकता है या मनोनीत किया जा सकता है।
- सभी 27 विधायकों को हर अस्पताल में ऑफिस की जगह दी गई है।
- कई अधिकारी इस पर अपना विरोध भी जता चुके हैं।
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