तीन दिवसीय नेपाल यात्रा के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आतंकवाद को आड़े हाथों लिया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) सार्क जैसे मंच पर आपसी हितों को आतंकवाद की छाया में आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति का हिस्सा बनाते हैं उनके मंसूबों को विश्व समुदाय को एकजुट होकर रोकना होगा।

 भारत और नेपाल के थिंक टैंक सम्मेलन में बोले राष्ट्रपति

  • राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तीन दिवसीय नेपाल यात्रा पर गए हैं 
  • जहाँ उन्हों ने भारत और नेपाल के थिंक टैंक सम्मलेन को संबोधित किया
  • उन्हों ने कहा “हम सार्क और बिम्सटेक के जरिये क्षेत्रीय सहयोग के नए दौर और ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।”
  • “लेकिन सीमा पार आतंकवाद और सहयोग दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते।”
  • उन्होंने कहा कि “जो देश आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति का हिस्सा बनाते हैं’
  • “उनके मंसूबों को विश्व समुदाय को एकजुट होकर रोकना होगा।”
  • मुखर्जी ने कहा “दुनिया में किसी देश को आतंकवाद को संरक्षण और समर्थन देने की इजाजत नहीं दी जा सकती”
  • उन्हों ने कहा कि “ऐसा करने वालों को अलग-थलग करने की जरूरत है।”
  • राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने  ” सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने के भारत के फैसले को सही ठहराया।”
  • बता दें कि नेपाल ने भारत को भरोसा दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में वह पूरी तरह भारत के साथ है।
  • मुखर्जी ने साफ इशारा किया कि पाकिस्तान के कारण सार्क के अन्य देशों के साथ सहयोग और विकास के संबंध बंधक नहीं रहेंगे।
  • उन्होंने इस क्रम में नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ भारत के मोटर वाहन समझौते को अहम बताया
  • साथ ही उन्होंने कहा कि “व्यापार व सहयोग के लिहाज से यह मील का पत्थर साबित होगा।”

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