प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 4 मई तक तीन दिवसीय दौरे पर जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस जायेंगे, जानिए क्या है मुख्य वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 4 मई तक जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस का आधिकारिक दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा होगी। इस दौरान PM मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, डेनमार्क के PM मेटे फ्रेडरिक्सन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।  इस विदेश दौरे में PM मोदी तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और वैश्विक मुद्दों पर बात करेंगे। बता दें कि इस दौरे पर प्रधानमंत्री इन 3 देशों के अलावा 4 अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे। PM मोदी बर्लिन में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दोनों नेता भारत-जर्मनी इंटर- गवर्मेंटल कांसुलेशन्स (IGC) के छठवें समारोह में भी हिस्सा लेंगे। IGC हर दो साल पर होने वाला बाइलैटरल डायलॉग फार्मेट है, इसमें दोनों देशों के मंत्री भी हिस्सा लेते हैं। चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ PM मोदी की यह पहली IGC मीट है।

इस दौरान, प्रधान मंत्री और चांसलर शोल्ज एक जॉइंट बिजनेस इवेंट को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री जर्मनी में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। साल 2021 में भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे किए हैं। दोनों देश साल 200 से एक दूसरे के स्ट्रैटेजिक पार्टनर रहे हैं। इस दौरे में दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी। इसके बाद PM मोदी डेनमार्क दौरा करेंगे। वे वहां PM मेटे फ्रेडरिक्सन के निमंत्रण पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री कोपेनहेगन में होने वाले दूसरे इंडिया-नॉर्डिक समिट में भी हिस्सा लेंगे। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री भारत-डेनमार्क बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे और वहां रहने वाले भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। दूसरे इंडिया-नॉर्डिक समिट के दौरान, प्रधानमंत्री अन्य नॉर्डिक देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इसमें आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के PM जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की PM मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की PM सना मारिन भी शामिल होंगे।

वापसी के दौरान PM मोदी 4 मई को पेरिस में रुकेंगे। वहां वे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। भारत और फ्रांस ने अपने राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे किए हैं। दोनों नेताओं की इस मुलाकात में स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के मसले पर बात होगी। प्रधानमंत्री का यह दौरा फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के ठीक बाद हो रहा है। हालिया दौर में भारत की डिफेंस जरूरतों के लिए फ्रांस एक अहम पार्टनर बनकर उभरा है। इस समिट में कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, इनोवेशन- टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी और वैश्विक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात होगी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पहला इंडिया-नॉर्डिक समिट 2018 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था। PM मोदी ने अगस्त 2019 में फ्रांस दौरा किया था, जहां उन्होंने G7 समिट में हिस्सा लिया।

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