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बीते दिनों राजस्थान में रानी पद्मावती के ऊपर बन रही फिल्म की शूटिंग करते समय हिंदी फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ वहां के एक राजपूताना समूह ने मारपीट करते हुए उन पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। रानी पद्मावती के चरित्र पर हमेशा से ही सवाल उठते आये है कि यह सिर्फ एक काल्पनिक चरित्र है या असल में यह कोई चरित्र था। हम आपको यहाँ ऐसे सबूत देंगे जिसे देखकर आपको रानी पद्मावती के बारे में जानकार काफी हैरानी होगी।
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कई जगह है रानी पद्मावती के चरित्र का वर्णन :
- राजस्थान के इतिहास पर लिखे गयी कई किताबों में रानी पद्मावती के चरित्र का वर्णन मिलता है।
- उनमें बताया गया हुई कि मध्यकाल में भी पद्मिनी और रतन सिंह की कथा प्रचलित थी।
- इसके अलावा उदयपुर के किले में दरीबा के पास मिले शिलालेख में भी राजा रत्न सिंह और रानी पद्मावती का जिक्र किया गया है।
- उस दरीबा में अंकित तारिख विक्रम संवत 1359 माघवदि 5 बुधवार है।
- दरीबा में अंकित यह वही तारीख अलाउद्दीन के चित्तौड़ आक्रमण के लिए निकलने से चार दिन पहले की है।
- चित्तौत्गढ़ में बने किले में बने गोमुख कुंड के पास एक महिला की मूर्ती बनी हुई है जिसे रानी पद्मावती माना जाता है।
- इसके अलावा उसी किले में बनी एक सुरंग भी इसका प्रमाण देती है।
- कहते है कि रानी पद्मावती गोमुख में पूजा करने जाने के लिए इसी सुरंग का इस्तेमाल करती थी।
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