भारत के पुणे शहर में एक 6 साल की बच्ची ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लैटर लिखकर अपने इलाज के लिए मदद मांगी थी। जिसके 5 दिन बाद ही प्रधानमंत्री ने उस ख़त का जवाब दिया।
दिल के छेद की बीमारी के इलाज के लिए प्रधानमंत्री से लगायी गुहार:
- पुणे के हड़पसर में रहने वाली 6 साल की वैशाली के पिता मोनीष यादव हड़पसर में पेंटिंग का काम करते हैं।
- वैशाली को बहुत छोटी उम्र में उसकी माँ ने छोड़ दिया, वह अपने पिता साथ रहती है।
- करीब दो साल पहले वैशाली स्कूल में बेहोश हो गयी, डॉक्टर के पास ले जाने पर पता चला की वैशाली के दिल में छेद है।
- जिसके बाद वैशाली के पिता और चाचा ने कई राजनैतिक पार्टियों और एनजीओ से मदद मांगी, पर उन्हें हर जगह से निराशा ही हाथ लगी।
टीवी पर विज्ञापन देखकर आया ख्याल:
- दिल में छेद की समस्या से जूझ रही वैशाली ने टीवी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का विज्ञापन देखा।
- जिसके बाद उसने अपने पिता से प्रधानमंत्री को लैटर लिखने को बोला, जिस पर उसके चाचा ने वैशाली को अपने हाथों से लैटर लिखने को बोला।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को किया चरितार्थ:
- 20 मई को वैशाली ने प्रधानमंत्री को लैटर लिखा था, जिसके 5 दिन बाद ही प्रधानमंत्री ने उस लैटर का जवाब दिया।
- 27 मई को पीएमओ की तरफ से पुणे के कलेक्टर सौरभ राव को वैशाली के इलाज सम्बंधित निर्देश दिए गये।
- प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत कार्यवाही करते हुए वैशाली की औंध स्थित जिला सरकारी अस्पताल में जांच करायी गयी।
- 4 जून को वैशाली को रूबी अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसका ऑपरेशन किया गया।
- कल वैशाली को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गयी है।
प्रधानमंत्री को धन्यवाद:
- प्रधानमंत्री द्वारा मिली मदद पर वैशाली ने ख़ुशी जताई और कहा कि, “मुझ जैसी आम बच्ची के लिए प्रधानमंत्री ने मदद दी जो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है”।
- हर तरफ से मदद की उम्मीद में निराश हो चुकी वैशाली के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान एक नयी उम्मीद बनकर आया।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 6 साल की वैशाली को ‘नयी ज़िन्दगी’ की मदद देकर शायद अपने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को चरितार्थ कर दिया है।
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Divyang Dixit
Journalist, Listener, Mother nature's son, progressive rock lover, Pedestrian, Proud Vegan, व्यंग्यकार