पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह के पोते 40 साल के हरकीरत सिंह ने रविवार को खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। चंडीगढ़ के सेक्टर 5 स्थित अपने आवास पर दोपहर हुई घटना के बाद उन्हें पीजीआई ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हरकीरत सिंह लम्बे समय से तनाव में थे और अंदेशा है कि इसी वजह से उन्होंने ये कदम उठाया।
एसएचओ नीरज शर्मा ने घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि हरकीरत सिंह ने अपने आवास पर खुद को लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार ली। उन्होंने कहा कि पीजीआई के डॉक्टर्स ने हरकीरत को मृत घोषित किया। सोमवार को पीजीआई में ही हरकीरत का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
हरकीरत अपनी पत्नी और एक नौकर के साथ चंडीगढ़ में रहते थे। उनकी पत्नी ने बताया कि रविवार सुबह वह सुखना लेक से टहलकर लौटे और स्नान करने की बात की। उनका नौकर नाश्ते के लिए जूस भी तैयार करने लगा था। तभी उन्होंने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
हरकीरत सिंह के एक भाई रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि वह लंबे समय से तनाव से जूझ रहे थे। बीते 15 दिनों से वह गहरे अवसाद में जी रहे थे। वह अपनी दिक्कतों के बारे में बातचीत करते थे, मगर कभी भी इस तरह की कोई मंशा के बारे में कभी जाहिर नहीं होने किया। तक़रीबन 20 साल से उनका इलाज चल रहा था। अक्सर वो परिवार के अन्य सदस्यों के बीच भी रहकर खामोश रहते थे।
बता दें कि लुधियाना जिले में हरकीरत, बेअंत सिंह के मूल गांव कोटली के सरपंच थे। साल 2013 में उन्हें गांव का मुखिया चुना गया था। उनके भाई गुरकीरत सिंह खन्ना से कांग्रेस विधायक हैं। उनके पिता तेजेश्वर सिंह पंजाब के पूर्व यातायात मंत्री रह चुके हैं। आज भी परिवार का राजनीतिक रुतबा कायम है।