पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पासपोर्ट से संबंधित एक आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत अब पासपोर्ट जारी करवाते समय उस पर वास्तविक पिता का नाम अंकित होना अनिवार्य नहीं है. साथ ही पासपोर्ट पर यदि सौतेले पिता का नाम दिया जाता है तो वह भी अब से वैध माना जाएगा.
एक मामले के तहत लिया गया निर्णय :
- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले के तहत यह निर्णय किया है.
- इस मामले के तहत मोहाली निवासी अरमान ने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया था.
- पासपोर्ट पर सौतेले पिता के नाम का जिक्र होने के कारण इश्यू अथॉरिटी ने इसे जारी करने से इनकार कर दिया था.
- जिसके बाद इस मामले में सबसे पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के सामने याचिका दाखिल की गयी थी.
- जिसके अनुसार कहा गया था कि अरमान का जन्म साल 2000 में हुआ था.
- उसके बायोलॉजिकल पिता नदीम अहमद थे, उसके पिता व उसकी माता के बीच साल 2004 में तलाक हो गया.
- बाद में मां ने मोहम्मद मंसूर से विवाह किया था.
- विवाह के बाद नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया,
- परंतु चंडीगढ़ आरपीओ ने सौतेले पिता का नाम जोड़ने से इनकार करते हुए बायोलॉजिकल पिता का नाम लिखने को कहा था.
- याचिकाकर्ता के अनुसार उसका पालन पोषण सौतेले पिता कर रहे हैं.
- उसके राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और यहां तक कि स्कूल के सर्टिफिकेट में भी सौतेले पिता का ही नाम दर्ज है.
- ऐसे में अब वह अपने वास्तविक पिता का नाम नहीं लिख सकते है.
- जिसके बाद उन्होंने याचिका में कहा कि ऐसी शर्त लगा उसे परेशान किया जा रहा हैं.
- इस पर एकल बेंच ने भी उसकी मांग खारिज करते हुए आरपीओ के आदेश को सही ठहराया था.
- इसी कारण अब उसने डिविजन बेंच में याचिका दायर की हैं.
- जिसके बाद डिविजन बेंच ने एकल बेंच और पासपोर्ट अथॉरिटी के आदेशों को खारिज कर दिया है.
- साथ ही पासपोर्ट कार्यालय को उसके सौतेले पिता के नाम से पासपोर्ट जारी करने का आदेश जारी किया है.
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