आज भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे के कागज़ पर हस्ताक्षर होंगे। बीते दिन ही भारत ने इस सौदे को अपनी मंजूरी दी है। यह राफेलविमान का सौदा सौदा 7.8 बिलियन यूरो मतलब 59 हजार करोड़ रुपयों का है। फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान के साथ इस डील पर आज दोनों देशों की मुहर लगेगी।
यूपीए सरकार के मुकाबले कम कीमत हुआ सौदा :
- पिछले 20 साल में यह भारत का लड़ाकू विमानों की खरीद का पहला सौदा है।
- इस विमान में अत्याधुनिक मिसाइल लगे हुए हैं जिससे निश्चित तौर पर भारतीय वायु सेना की ताक़त कई गुना बढ़ जाएगी।
- हालांकि साल 2007 से ही भारत फ्रांस का यह लड़ाकू विमान खरीदने की कोशिशों में लगा रहा है।
- मगर किसी ना किसी कारण से यह सौदा अब तक टलता रहा है।
- बीते साल प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा पर ऐलान किया कि भारत फ्रांस से सीधे 36 फाइटर जेट्स खरीदेगा।
- यूपीए सरकार के दौरान भी फ्रांस से 126 विमानों का सौदा होना था जिसमें 36 सीधे राफेल विमान खरीदने थे।
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- शेष 90 प्लेन भारत में तैयार होने की योजना प्रस्तावित थी।
- पीएम मोदी ने पुराने सौदे को रद्द करते हुए फ्रांस की सरकार से नया सौदा कर लिया।
- यूपीए सरकार द्वारा की जाने वाली डील की कीमत करीब 1.20 लाख हजार करोड़ रूपये थी।
- पीएम मोदी ने वही सौदा 59 हजार करोड़ में कराकर देश का काफी पैसा बचा लिया।
- आज हस्ताक्षर के होने के बाद फ्रांस से राफेल विमान को भारत आने में कम से कम 18 महीने लगेंगे।
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