लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शुक्रवाक को भारत और फ्रांस के बीच राफेल सौदा हो ही गया। भारत और फ्रांस ने आज फाइटर प्लेन के सौदे पर हस्ताक्षर कियें। भारत फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान का सौदा तय हुआ है। भारत में फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान और भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर कियें।
- भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करना चाहता है।
- इसलिए भारत ने फ्रांस से राफेल विमान खरीदे का फैसला लिया।
- सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि, इस सौदे से भारतीय एयरफोर्स और मजबूती मिलेगी।
- बीते कई सालों के बाद भारत पहली बार राफेल के रूप में ऐसी टेक्नोलॉजी खरीद रहा है।
- राफेल 3 हजार 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।
- सौदे पर साइन होने के 36 महीने के अंदर यानी 2019 में विमान आना शुरू होगा।
- अभी एयरफोर्स को राफेल विमानों के लिए तीन साल और इंतजार करना पड़ेगा।
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यूपीए सरकार के मुकाबले कम कीमत हुआ सौदा
- पिछले 20 साल में यह भारत का लड़ाकू विमानों की खरीद का पहला सौदा है।
- इस विमान में अत्याधुनिक मिसाइल लगे हुए हैं जिससे निश्चित तौर पर भारतीय वायु सेना की ताक़त कई गुना बढ़ जाएगी।
- बीते साल प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा पर ऐलान किया कि भारत फ्रांस से सीधे 36 फाइटर जेट्स खरीदेगा।
- पीएम मोदी ने पुराने सौदे को रद्द करते हुए फ्रांस की सरकार से नया सौदा कर लिया।
- यूपीए सरकार द्वारा की जाने वाली डील की कीमत करीब 1.20 लाख हजार करोड़ रूपये थी।
- पीएम मोदी ने वही सौदा 59 हजार करोड़ में कराकर देश का काफी पैसा बचा लिया।
- आज हस्ताक्षर के होने के बाद फ्रांस से राफेल विमान को भारत आने में कम से कम 18 महीने लगेंगे।
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