भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल की आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) को भी 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
- उम्मीद की जा रही थी कि राजन जाते जाते ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं।
- वहीं, आरबीआई ने मार्च 2017 तक रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
- आरबीआई का अनुमान है कि महंगाई दर 5 फीसदी के पार भी जा सकती है।
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 7.6 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान बरकरार रखा।
- यह मौद्रिक नीति समीक्षा ऐसे समय में पेश हुई है, जब सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य शुक्रवार को लगभग चार प्रतिशत निर्धारित किया।
- इस काम के लिए जल्द ही एक मौद्रिक नीति समिति (एमसीपी) गठित की जाएगी।
- जिसे नीतिगत दरें तय करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
राजन की आखिरी पॉलिसीः
- संभवतः आरबीआई गवर्नर के तौर पर यह रघुराम राजन की आखिरी मॉनेटरी पॉलिसी थी।
- 4 सितंबर को राजन अपने तीन साल के कार्यकाल के बाद आरबीआई गवर्नर पद से रिटायर हो जाएंगे।
- इसके साथ ही अगली मॉनेटरी पॉलिसी 4 अक्टूबर 2016 को पेश की जाएगी।
- इस समायावधि से पहले ही नए गवर्नर के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
- इस तरह से यह राजन की आखिरी मॉनेटरी पॉलिसी होगी।
- वहीं खबरों में रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण को नए आरबीआई गवर्नर की रेस में सबसे आगे बताए जा रहा है।
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