भारतीय रेल द्वारा समय समय पर अपने काम का मूल्यांकन किया जाता है.रेल मंत्रालय उच्च सर्विस देने के चलते नयी कवायद जिसमें रेलवे जोन्स को रेटिंग दी जायेगी.ये रेटिंग बेहतर काम के चलते अंकित की जायेगी.रेल अधिकारियों का मानना है कि इस नयी प्रणाली से सब अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगें.
रेटिंग का असर करियर और प्रमोशन पर
- अगर अधिकारियों द्वारा काम सही तरीके से नहीं किया जाएगा तो
- उसकी रेटिंग पर बुरा असर पड़ेगा जिसका सीधा असर करियर और प्रोमोशन पर होगा.
- इस नयियो प्रणाली के चलते अधिकारी अपने काम को लेकर काफी सजग होंगें.
- अप्रैल से दिसंबर 2016 के बीच की गयी रेटिंग पर गौर किया जाए तो
- दक्षिण-पूर्वी रेलवे टॉप पर है और सबसे खराब प्रदर्शन उत्तर-पूर्वी रेलवे का है.
- उत्तर रेलवे रैंकिंग में तीसरे पायदान पर है.
रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देशन में तैयार प्रणाली
- रेलवे का अप्रेजल सिस्टम इस नयी प्रणाली के तहत तैयार किया गया है.
- अधिकारियों को उनके अनुशासन पर आंकने की ये कवायद बेहद सकारात्मक नतीजे लाएगी.
- जोन्स की रेटिंग 17 प्रमुख तथ्यों पर आधारित होंगीं.
- पैसेंजर ट्रैफिक और माल ढुलाई जैसे अन्य मुद्दों को इसमें शामिल किया गया है.
- अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जैसा काम किया जायेगा उसी हिसाब से रेटिंग होगी.
- उम्मीद है रेल मंत्रालय की ये नयी प्रणाली बदलाव लाएगी.