नियंत्रणक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने रेलवे में विद्युतीकरण के लिए प्रक्रिया, कार्यो को सौंपने और उसे पूरा करने में हुए विलंब के लिए रेलवे को जमकर लताड़ लगाई है। सीएजी ने कहा है कि निविदा की प्रक्रिया में समय को कम करने के लिए रेलवे ने ई-निविदा प्रणाली को नहीं अपनाया।
विद्युतीकरण परियोजनाओं में रेलवे ने किया विलंब-
- संसद में सीएजी ने कहा है कि विस्तृत जांच के लिए उसने पूरी हो चुकी 14 परियोजनाओं, 15 जारी परियोजनाओं तथा सात नई परियोजनाओं का ऑडिट किया।
- संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में सीएजी ने कहा कि रेलवे के एक अनुभाग में विद्युतीकरण करना है या नहीं।
- इसके लिए समय बचाने के उद्देश्य की पूर्ति नहीं की जा रही है।
- सीएजी ने कहा कि प्रस्तावों की प्रक्रिया तथा संक्षिप्त अनुमान में विलंब किया जा रहा है।
- 24 परियोजनाओं के लिए 59 महीने का वक्त लगने का अनुमान लगाया गया है।
- सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया है कि सालाना कार्यक्रम में विद्युतीकरण परियोजनाओं को शामिल करने के बाद रेलवे बोर्ड ने विद्युतीकरण की परियोजनाओं को एजेंसियों को सौंपने में विलंब किया।
- सीएजी के मुताबिक सेंट्रल ऑर्गजनाइजेशन फॉर रेलवेज इलेक्ट्रीफिकेशन (सीओआरई) की 17 परियोजनाओं के संदर्भ में 337 दिन की देरी की
- रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की छह परियोजनाओं के संदर्भ में 202 दिनों का विलंब किया गया।
- रिपोर्ट के मुताबिक सीओआरई को 27 परियोजनाओं की निविदा जारी करने के लिए 3,177 दिनों का वक्त लिया गया।
- आरवीएनल को सौंपी गई सात परियोजनाओं 12 निविदाएं जारी करने के लिए 915 दिनों का वक्त लिया गया।
- सीएजी ने कहा कि इससे साफ़ है कि परियोजना को समय पर पूरा करने की तवज्जो नहीं दी गई।
- और निविदा की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया।
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