17 वर्षीय किशोरी अपने बाल विवाह को रद्द कराने के लिए जोधपुर की एक स्थानीय अदालत पहुंची। किशोरी की बाल विवाह को रद्द कराने वाली याचिका पर अदालत ने नोटिस जारी किया है।
बाल विवाह रद्द करवाने के लिए खटखटाया अदालत का दरवाज़ा-
- जोधपुर की स्थानीय अदालत में एक अनोखी याचिका दर्ज हुई है।
- यह याचिका एक 17 वर्षीय किशोरी की है जो अपने बाल विवाह को रद्द करवाना चाहती है।
- इस याचिका पर अदालत ने एक नोटिस भी जारी किया है।
- अदालत की न्यायाधीश ने किशोरी के तथाकथित पति को एक महीने के अंदर पेश होने का आदेश दिया है।
- किशोरी ने अपनी याचिका में बताया है कि उसकी शादी 2003 में हुई थी।
- उस समय किशोरी केवल 3 साल की थी।
पति डालता था ससुराल आने का दबाव-
- किशोरी सरिता का विवाह उसके पिता ने समुदाय के दबाव में आकर किया था।
- विवाद के कुछ समय बाद ही सरिता के पिता का निधन हो गया था।
- इसके बाद सरिता का पति उसकी मां पर उसे ससुराल भेजने का दबाव डालता रहा।
- लेकिन उसकी मां ने इससे इंकार किया।
- साथ ही सरिता का बाल्यावस्था में हुई शादी को भी मानने से साफ इंकार किया।
- सरिता ने बताया कि ससुराल वालों की तरफ से लगातार पड़ रहे दबाव और दुर्व्यवहार के चलते उसे तनाव से गुजरना पड़ा।
- इसके बाद एक एनजीओ की सहायता से उसने अदालत में गुहार लगाई।
- बाल विवाह एक अभिशाप है लेकिन आज भी लोग इसके चंगुल से बाहर नहीं निकल पाए है।
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