असम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद सर्बानंद सोनोवाल, हिमन्त विस्वा सरमा और राम माधव का जिक्र तो सभी कर रहे हैं पर क्या आप जानते हैं कि इस जीत का एक और नायक है या कहिये तो असली नायक जिसने इस जीत में मुख्य भूमिका निभाई है। जिन्हे लोग अब दूसरा प्रशांत किशोर कहने लगे हैं।

हार्वर्ड ग्रेजुएट रजत सेठी इस जीत के असली नायक है जिन्होंने बीते साल नवंबर में असम के लिए कम्पैन शुरू किया था। मुख्यत:तीन लोगों ने इस पुरे कम्पैन की रुपरेखा तैयार की थी, जिसमे प्रशांत किशोर के दो पुराने साथी भी थे।

बताया जाता है कि रजत सेठी को राम माधव ही अमेरिका से भारत लाये थे। कानपूर के रहने वाला रजत ने आईआईटी खड़गपुर से पढाई पूरी की थी। 2012 में अमेरिका जाने वाले रजत 2014 में हार्वर्ड इंडिया एसोसिएशन के लिए इवेंट्स कराते थे। उसी दौरान रजत की मुलाकात राम माधव से हुई थी। 

6 लोगों की टीम में से 4 आईआईटी खड़गपुर से थे और बाकी प्रशांत किशोर की टीम से अलग हुए 2 लोग थे।

असम निर्माण‘ के नारे के साथ 20 घंटे काम करने वाली इस टीम राम माधव और अमित शाह के संपर्क में रहती थी। चुनाव प्रचार से जुड़ी तमाम बातों का बारीकी से अध्ययन करते हुए प्रत्येक सीट के लिए माइक्रो मैनेजमेंट किया था।

बीजेपी के विजन से लेकर कांग्रेस की कमियों तक का सूक्ष्म विश्लेषण करने वाले रजत सेठी और उनकी साथी सुभ्रास्था, जो कि प्रशांत किशोर की टीम से अलग हो गई थी, ने यूपी चुनाव के लिए खुद को तैयार बताया है और कहा है कि अगर बीजेपी चाहेगी तो यूपी में भी ये लोग अपनी टीम के साथ मौजूद रहेंगे।

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