जाकिर नाइक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा राजीव गांधी ट्रस्ट (आरजीएफ) को 2011 में 50 लाख रुपए की राशि अनुदान के तौर पर दिए जाने के मामले में कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी सवालों के घेरें में हैं। कांग्रेस ने इस पर अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि अनुदान राशि आरजीएफ की अनुषंगी संस्था राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को दी गई थी। वहीं, अब आरजीएफ ने इस पैसे को लौटाने का फैसला किया है।
- बता दें कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आरजीसीटी के संस्थापक सदस्य हैं।
- इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंभी मनमोहन सिंह भी आरजीएफ के ट्रस्टी मेंबर हैं।
- गौरतलब है कि इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर विदेश से सीधे धन लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- गृह मंत्रालय ने आरबीआई से एनजीओ को किसी तरह का धन जारी करने से पहले उससे अनुमति लेने को कहा है।
- गृह मंत्रालय ने नाइक के ट्रस्ट को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से मिले अनुदान की जांच करने का आदेश दिया है।
- सूत्रों ने बताया कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को पूर्व अनुमति श्रेणी में रखा गया है।
- नाइक पर आतंकी कृत्यों के लिए युवाओं को कट्टर बनाने तथा लुभाने का आरोप है।
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फाउंडेशन लौटाएगा चंदाः
- कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कौन जानता था कि जाकिर नाइक ऐसा आदमी है।
- हमें भी नही पता था कि वह जांच के दायरे में आ जाएगा।
- पार्टी ने हकीकत सामने आते ही चंदे की रकम लौटाने का फैसला किया है।
- जानकारी के मुताबिक नाइक ने साल 2011 में राजीव गांधी फाउंडेशन को 50 लाख रुपये का चंदा दिया था।
- नाइक ने चेक के जरिए सीधे संस्था के बैंक अकाउंट में चंदा जमा करा दिया था।
- नाइक के जांच एजेसिंयों के घेरे में आने के बाद यह बड़ी रकम लौटाने का फैसला किया गया है।
- मामला सामने आने पर फाउंडेशन ने जुलाई में आपात बैठक बुलाई, जिसमें पैसा लौटाने का फैसला किया गया।
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