गृह मंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता की, जिसका आयोजन श्रीनगर में किया गया।
जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत पर बातचीत:
- गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज श्रीनगर में एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया।
- जहाँ उन्होंने कहा कि, भटके हुए नौजवानों को समझाने की कोशिश होनी चाहिए।
- गृह मंत्री ने आगे कहा कि, मैंने एक महीने में दो बार जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है।
- उन्होंने ये भी कहा कि, वार्ता सिर्फ जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत पर ही आधारित हो सकती है।
- गृह मंत्री ने सीधे सीधे शब्दों में कहा कि, हिंसा के लिए दोषी बख्शे नहीं जायेंगे।
- राजनाथ सिंह ने कश्मीर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि, वे शांति और अमन कायम करने के लिए सरकार और सेना की मदद करें।
- उन्होंने ये भी कहा कि, कश्मीर के मुद्दों पर वो सभी से बात करने को तैयार हैं।
- लेकिन ये सभी की जिम्मेदारी है कि, कश्मीर की पीड़ा को समझें।
- गृह मंत्री ने आगे कहा कि, कश्मीर के भविष्य के बिना भारत के भविष्य की कल्पना बेकार है।
- उन्होंने कश्मीर के लोगों से ये भी कहा कि, युवाओं के हाथों में पत्थर देने वालों की पहचान करें।
- वहीँ उन्होंने कहा कि, कश्मीर के लोग जवानों के भविष्य से खिलवाड़ न करें।
महबूबा मुफ़्ती का संबोधन:
- संयुक्त प्रेसवार्ता में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने अपने संबोधन में कहा कि, कश्मीर के 95 फ़ीसदी लोग अमन चाहते हैं।
- ये हिंसा फ़ैलाने का काम सिर्फ 5 फ़ीसदी लोग कर रहे हैं।
- उन्होंने आगे कहा कि, कुछ लोग अपने फायदे के लिए गलत राह पर हैं।
- उन्होंने ये भी कहा कि, कुछ लोग छोटे-छोटे बच्चों को ढाल बना रहे हैं जो कि गलत है।
- उन्होंने वार्ता में मौजूद मीडिया से ये भी कहा कि, दो अलग-अलग घटनाओं की तुलना न करें।
- यह बात उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार के काल से उन की तुलना करने पर कहा था।
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