राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने मंगलवार को उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया और आचार समिति ने भी इसे खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि इस्तीफे की प्रक्रिया सही नहीं थी और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अब माल्या को राज्यसभा से निष्कासित करने पर विचार किया जा रहा है।
राज्यसभा महासचिव के पत्र का उल्लेख करते हुए हामिद अंसारी के ओएसडी गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि हामिद अंसारी विजय माल्या का इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकते हैं। महासचिव, राज्यसभा ने भी माल्या को लिखा है कि उनका त्यागपत्र प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है और वास्तविक हस्ताक्षर भी नहीं किया गया हैं। आगे उन्होंने बताया कि राज्यसभा प्रक्रियाओं के नियम 213 के अंतर्गत त्यागपत्र का स्वरुप बिना स्वेच्छा से और वास्तविक होना चाहिए।
वास्तविक नहीं था त्यागपत्र
विजय माल्या ने खुद को राज्यसभा से निष्कासित किए जाने से बचने के प्रयास के तहत ब्रिटेन से ही अपने इस्तीफे की स्कैन कॉपी भेज दी थी और कहा था कि वह नहीं चाहते कि उनके नाम पर छवि पर कीचड़ उछला जाए।
आचार समिति उनके निष्कासन की सिफारिश करने वाली थी कि ठीक उसके एक दिन पहले माल्या ने कहा कि हालिया घटनाक्रम को देखकर नहीं लगता कि इस मामले में उन्हें उचित न्याय मिल पाएगा इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से राज्यसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे रहा हूँ।
बुधवार को सौंप सकती है आचार समिति अपनी रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि राज्यसभा की कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली आचार समिति की बैठक मंगलवार को बैठक हुई, वहां से भी माल्या के इस्तीफे को गलत प्रक्रिया का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दिया गया।
सदस्यों का मत था कि राज्यसभा सदस्य के रूप में माल्या का आचरण सही नहीं है। समिति बुधवार को राज्यसभा के समक्ष अपनी रिपोर्ट रखेगी।
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