उत्तर प्रदेश के चम्बल में हजारों की तादाद में रेयर डायनासोर प्रजाति के घड़ियाल के बच्चों ने जन्म लिया है।
1989 से हो रहा है संरक्षण:
- उत्तर प्रदेश के चम्बल में हजारों की तादाद में रेयर डायनासोर प्रजाति के घड़ियाल के बच्चों ने जन्म लिया है।
- गौरतलब है कि, चम्बल में 1989 से इन घड़ियालों का संरक्षण किया जा रहा है।
- सूबे के इटावा रेंज के खेड़ा अजब सिंह और कसऊआ गांव में घोसलों के निरीक्षण के दौरान 34 में से 14 घोसलों में से अब तक 300 घड़ियाल निकल चुके हैं।
- विप्रावली रेंज में भी 200 घड़ियाल अण्डों से निकल चुके हैं।
- अंदाजा लगाया जा रहा है कि, चम्बल के बाकी बचे घोसलों में करीब 500 नन्हें घड़ियालों के होने की संभावना जताई जा रही है।
- इसके अलावा बाह के हरलालपुरा, कैंजरा और नंद्गंवा में लगभग दो दर्जन घड़ियालों के हैचिंग करने की संभावना है।
- गौरतलब है कि, चम्बल सैंक्चुरी, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फैली है।
- इस समय करीब 5,000 घड़ियाल के बच्चे मौजूदा समय में चम्बल में हैं।
- इन बच्चों की रखवाली के लिए घड़ियाल रक्षक सेवक गांववालों की मदद से इन बच्चों की निगरानी करने में लगे हुए हैं।
- साल 2007 से 2008 के बीच किसी अनजान बीमारी के कारण इन रेयर प्रजाति के घड़ियालों की मौत होनी शुरू हो गयी थी।
- जिसके बाद कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय संस्थाएं इनके संरक्षण के लिए आगे आयीं।
- अमेरिका और फ्रांस समेत कई देशों में इन घड़ियालों की मौत की वजह तलाशने के लिए रिसर्च भी किये गए।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें