भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए किये गए नोटबंदी के फैसले पर एक बेहद चौंकाने वाला सच सामने आया है। बता दें की 8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। सरकार का कहना था की ये तैयारी वो करीब 10 महीने पहले से कर रही थी। लेकिन सूचना के अधिकार RTI के तहत किये गए सवालों के जवाब में RBI ने इस बात का खुलासा किया है की पीएम के नोट बंदी के ऐलान से कुछ ही घंटों पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी सिफारिश की थी।
इस आधार पर लिया गया था नोटबंदी का फैसला
- RTI के तहत किये गए सवालों के जवाब में RBI ने नोटबंदी के फैसले का खुलासा किया।
- RBI के अनुसार पीएम के नोट बंदी के ऐलान से कुछ ही घंटों पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी सिफारिश की थी।
- बता दें की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट- 1934 के अंतर्गत केंद्र सरकार को किसी भी बैंक नोट का चलन बंद करने की शक्ति दी गई है।
- गौरतलब हो की सरकार यह फैसला खुद नहीं, बल्कि आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर ही कर सकती है।
RTI से ये इन बातों का हुआ खुलासा
- RTI के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में RBI ने नोटबंदी पर एक बेहद चौंकाने वाला सच का खुलासा किया।
- RBI के अनुसार पीएम के नोट बंदी के ऐलान से कुछ ही घंटों पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी सिफारिश की थी।
- जिसके लिए केंद्रीय बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 8 नवंबर को हुई बैठक में नोटबंदी की सिफारिश पारित की थी।
- बता दें की इस बैठक में 10 बोर्ड मेंबर्स में से केवल आठ ही शामिल हुए थे।
- जिनमें आरबीआई प्रमुख उर्जित पटेल, कंपनी मामलों के सचिव शक्तिकांत दास,
- आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर गांधी और एसएस मुंद्रा शामिल थे।
- इस बैठक और पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बीच सरकार के पास बैंक के आधिकारिक प्रस्ताव पर अमल के लिए कुछ ही घंटों का वक्त था।
- पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक में इस फैसले के बारे में अपने मंत्रियों को भी जानकारी दी थी।
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